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Gorakhpur News: रोहिन नदी के तटबंध पर संकट, सिंचाई विभाग ने संभाला मोर्चा

कैम्पियरगंज के मछलीगांव में तेज कटान से बाढ़ का खतरा, एक्सईएन ने मौके पर डलवाई मिट्टी की बोरियां

Irrigation officials inspecting Rohin river embankment in Campierganj

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज तहसील क्षेत्र के मछलीगांव में रोहिन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटबंधों पर संकट गहराने लगा है। पिछले चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के चलते नदी का प्रवाह तेज हो गया है, जिसके कारण तटों का कटाव तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पानी का स्तर यदि इसी गति से बढ़ता रहा तो आसपास की फसलें डूब सकती हैं और बस्तियों तक पानी पहुंचने का खतरा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने तत्काल कदम उठाए। एक्सईएन आनंद गौतम और जेई आरके सिंह मौके पर पहुंचे और बांध की स्थलीय जांच की। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए बांस की जाली में मिट्टी भरकर बोरी डालने का काम शुरू कराया, जिससे ग्रामीणों में थोड़ी राहत और उम्मीद जगी।

तत्काल कार्रवाई से मिली राहत

निरीक्षण के समय ग्रामीणों की भीड़ मौके पर मौजूद रही, जहां लोगों ने अपने डर और आशंकाएं अधिकारियों के सामने रखीं। एक्सईएन ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जहां भी कटान की संभावना है, वहां तत्काल अस्थायी उपाय किए जा रहे हैं ताकि बाढ़ का खतरा टाला जा सके। मिट्टी भरी बोरियों को नदी किनारे डालने का कार्य बारिश के बीच ही शुरू करा दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि आपात स्थिति में विभाग पूरी तरह तैयार है और किसी भी हाल में ग्रामीणों को असुरक्षित नहीं छोड़ा जाएगा। ग्रामीणों ने भी इस कदम की सराहना की और माना कि समय पर कार्रवाई से नुकसान को कुछ हद तक टाला जा सकता है।

अनियमितताओं पर उठे सवाल

जहां एक ओर सिंचाई विभाग की टीम राहत कार्य में जुटी है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठोकर लगाने के दौरान ठेकेदार ने बाहर से मिट्टी लाने की बजाय बांध के ही अंदरूनी हिस्से से मिट्टी निकालकर बोरी भरी, जिससे बांध कमजोर हुआ और कटान की स्थिति और बिगड़ गई। ग्रामीणों का दावा है कि इस अनियमितता की शिकायत कई बार अधिकारियों तक पहुंचाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हालांकि, एक्सईएन आनंद गौतम ने इस पर कहा कि वर्तमान में प्राथमिकता कटान को रोकना है और जहां भी खतरा है, वहां तत्काल उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस घटनाक्रम ने जहां ग्रामीणों में बाढ़ की चिंता बढ़ाई है, वहीं प्रशासनिक स्तर पर काम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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