गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और अभिनेता रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। गोरखपुर पुलिस ने रविवार को पंजाब के लुधियाना से आरोपी अजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, यह वही व्यक्ति है जिसने 30 अक्टूबर को सांसद को फोन कर धमकी दी थी कि “बिहार आओगे तो गोली मार दूंगा।” आरोपी को सोमवार को गोरखपुर लाया गया और अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। आरोपी की पहचान लुधियाना के फतेहगढ़ मोहल्ला, बग्गा कला निवासी अजय कुमार यादव पुत्र रामफेर यादव के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके पास से धमकी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया। जांच में सामने आया कि अजय यादव ने नशे की हालत में यह हरकत की थी। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि आरोपी को तकनीकी सर्विलांस और मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस किया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पंजाब में दबिश दी और आरोपी को लुधियाना से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने फोन कर गाली-गलौज और धमकी दी थी। आरोपी का कहना है कि वह शराब के नशे में था और उससे गलती हो गई। हालांकि पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी ने यह हरकत किसी के इशारे पर की या व्यक्तिगत रंजिश में। फिलहाल उसके संपर्कों की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी का बिहार से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, जबकि उसने खुद को फोन पर बिहार के आरा जिले का निवासी बताया था।
धमकी का पूरा घटनाक्रम और फोन कॉल की बातचीत
यह मामला तब सामने आया जब सांसद रवि किशन के निजी सचिव शिवम द्विवेदी को रात करीब 11 बजे एक फोन कॉल आया। कॉलर ने पहले यह पुष्टि की कि वह सांसद कार्यालय से बात कर रहे हैं और खुद को अजय यादव बताते हुए बातचीत शुरू की। इस दौरान उसने भोजपुरी अभिनेता और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव के उस विवादित बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर की जगह अस्पताल और कॉलेज बनने चाहिए थे। आरोपी ने बातचीत में भगवान श्रीराम और राम मंदिर के बारे में भी आपत्तिजनक टिप्पणी की और कहा कि उसके पास सांसद के पूरे शेड्यूल की जानकारी है। उसने दावा किया कि वह जानता है कि रवि किशन इस समय कहां हैं और धमकी दी कि जैसे ही वह बिहार आएंगे, उन्हें गोली मार देगा। कॉल के दौरान आरोपी ने न केवल सांसद को बल्कि उनके परिवार और मां के खिलाफ भी अपशब्द कहे। जब शिवम द्विवेदी ने बातचीत को शांत करने की कोशिश की, तो आरोपी लगातार गाली-गलौज करता रहा और खुद को बिहार के आरा जिले के जवनियां गांव का निवासी बताया। धमकी मिलने के बाद सांसद कार्यालय ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। सांसद के निजी सचिव और PRO ने गोरखपुर के एसएसपी से मुलाकात कर लिखित शिकायत दर्ज कराई और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम बनाई, जिसने फोन नंबर और लोकेशन ट्रैक की और तकनीकी विश्लेषण के बाद आरोपी को ट्रेस कर लिया। रविवार को पुलिस टीम ने लुधियाना पहुंचकर अजय यादव को गिरफ्तार किया और सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी के मोबाइल से कई आपत्तिजनक संदेश और कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं, जिनकी जांच जारी है।
रवि किशन की प्रतिक्रिया और विवाद का राजनीतिक संदर्भ
धमकी मिलने के बाद सांसद रवि किशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी और लिखा कि उन्हें फोन पर अपशब्द कहे गए, उनकी माता के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। उन्होंने कहा कि यह न केवल उनके व्यक्तिगत सम्मान पर हमला है, बल्कि हमारी आस्था और भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों पर भी प्रहार है। रवि किशन ने लिखा कि ऐसे कृत्य समाज में नफरत और अराजकता फैलाने की कोशिश हैं, लेकिन वे किसी भी हालत में डरने या झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जनसेवा, राष्ट्रवाद और धर्म के पथ पर चलना उनके जीवन का संकल्प है और वे इस मार्ग पर अडिग रहेंगे। इस घटना से पहले भोजपुरी फिल्म अभिनेता और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव और रवि किशन के बीच सार्वजनिक विवाद भी चर्चा में था। खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि “मंदिर बनना चाहिए, लेकिन उससे जरूरी है कि लोगों को भोजन, शिक्षा और अस्पताल की सुविधा मिले।” इस बयान पर रवि किशन ने पलटवार करते हुए कहा था कि “जहां सनातन विरोध की बात आएगी, वहां मेरा शब्द बाण जरूर चलेगा, चाहे सामने मेरा भाई ही क्यों न हो।” माना जा रहा है कि इसी विवाद के चलते आरोपी अजय यादव ने खेसारी के समर्थन में यह विवादास्पद कदम उठाया। हालांकि पुलिस इस कोण पर भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने यह काम किसी राजनीतिक प्रभाव में किया। गोरखपुर सांसद रवि किशन वर्तमान में बिहार विधानसभा चुनाव में NDA उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं और उन्हें Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। वर्ष 2020 से उन्हें यह सुरक्षा उपलब्ध है, जिसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए लिखा था कि उनकी सुरक्षा को देखते हुए Y+ श्रेणी दी गई है, जिससे वे निडर होकर जनता की सेवा और अपनी आवाज संसद में बुलंद रख सकें। इस पूरी घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है कि राजनीतिक मतभेद के नाम पर नफरत और धमकियों की जगह संवाद और लोकतांत्रिक विचारों का सम्मान होना चाहिए।




