गोरखपुर से भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर देकर बिहार की सियासत में हलचल मचा दी। दोनों नेताओं की अचानक मुलाकात पटना एयरपोर्ट पर हुई, जहां रवि किशन ने तेज प्रताप की खुले दिल से तारीफ की और उन्हें ‘दिल वाले इंसान’ बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा में सभी औघड़दानी और भोलेनाथ के भक्तों का स्वागत है। रवि किशन ने कहा-“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भोलेनाथ के भक्त हैं और भाजपा ऐसे हर व्यक्ति को सम्मान देती है जो बिना किसी एजेंडा के निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करता है।” इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने तेज प्रताप को निस्वार्थ सेवक बताया और कहा कि वे दिमाग से नहीं बल्कि दिल से बोलते हैं, यही उनकी सादगी और वास्तविकता को दर्शाता है। तेज प्रताप पास में खड़े मुस्कुरा रहे थे और रवि किशन लगातार उनकी प्रशंसा कर रहे थे। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और एयरपोर्ट से साथ बाहर निकले, जिससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ गई कि क्या तेज प्रताप यादव भाजपा में नई पारी शुरू कर सकते हैं।
रवि किशन बोले-भक्तों और सेवाभावी लोगों के लिए भाजपा के दरवाजे खुले
एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रवि किशन ने कहा कि भाजपा उन सभी लोगों का स्वागत करती है जो देश और समाज की सेवा को अपना लक्ष्य मानते हैं। उन्होंने कहा-“तेज प्रताप यादव भोलेनाथ के सच्चे भक्त हैं। इन पर महादेव की कृपा है, और जो भी व्यक्ति निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करता है, भाजपा उसके लिए दिल खोलकर तैयार रहती है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या तेज प्रताप के साथ अन्याय हुआ है, तो रवि किशन ने कहा कि चुनाव का समय है, ऐसे में वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा-“जनता और भगवान तय करेंगे कि कौन सही है और कौन गलत। मेरी राय से कुछ फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता सब कुछ समझती है।” इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा तेज प्रताप जैसे नेताओं को अपने साथ जोड़कर बिहार में नई राजनीतिक रणनीति बना सकती है। तेज प्रताप की सादगी और धार्मिक छवि भाजपा के हिंदुत्ववादी और सांस्कृतिक एजेंडे के अनुरूप देखी जा रही है।
लालू-तेजस्वी से मतभेद के बीच रवि किशन की पेशकश
यह ऑफर उस समय आया है जब तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू प्रसाद और छोटे भाई तेजस्वी यादव से दूरी बनाए हुए हैं। हाल ही में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से निष्कासित कर दिया था। लालू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधियां और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पार्टी के मूल्यों के अनुरूप नहीं है, इसलिए उन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है। निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का गठन किया और बिहार के वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर गए। इस बीच, पटना एयरपोर्ट पर तेज प्रताप और तेजस्वी यादव की आमने-सामने मुलाकात का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें दोनों के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। तेजस्वी ने मजाक में यूट्यूबर से कहा-“भइया शॉपिंग करा रहे हैं क्या?”, जबकि तेज प्रताप बिना जवाब दिए मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए। इन घटनाओं के बीच रवि किशन का ऑफर बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की संभावना बढ़ा रहा है। भाजपा सांसद का बयान न सिर्फ तेज प्रताप की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है बल्कि यह आरजेडी परिवार में जारी मतभेदों पर भी बड़ा असर डाल सकता है। फिलहाल तेज प्रताप यादव ने इस प्रस्ताव पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन भाजपा खेमे में इस मुलाकात को “संभावनाओं के संकेत” के रूप में देखा जा रहा है। बिहार की राजनीति में जहां जाति और परिवारवाद का दबदबा रहा है, वहां धार्मिक और सेवाभाव की भाषा में दिया गया यह संदेश आने वाले समय में नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत कर सकता है।




