गोरखपुर से संसद सदस्य और भोजपूरी फ़िल्मों के मशहूर अभिनेता रवि किशन शुक्ला के खिलाफ शुक्रवार रात एक फोन कॉल के ज़रिए जान से मारने की खुली धमकी मिलने का मामला सामने आया है। घटना के मुताबिक एक व्यक्ति ने सांसद के निजी सचिव शिवम द्विवेदी को देर रात कॉल कर अपशब्दों का प्रयोग किया और खुलेआम कहा कि अगर रवि किशन कुछ दिनों में बिहार आएँ तो उसे गोली मार डाला जाएगा। कॉल करने वाले ने स्वयं को आरा जिले के जवनिया (जवनिया/जवनिया) गांव का रहने वाला अजय कुमार यादव बताया और साथ ही यह भी कहा कि वह खेसारी लाल यादव के समर्थक है। धमकी में सांसद के परिवार-विशेषकर उनकी माँ-को भी नग़लात शब्दों का शिकार बताया गया, जिसे सुनकर कार्यालय और समर्थकों में भारी आक्रोश पैदा हो गया। सांसद के निजी सचिव ने तत्काल घटना की लिखित तहरीर पुलिस को सौंप दी और रामगढ़ ताल थाने में अफसोसजनक फोन कॉल के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फोन कॉल के ऑडियो, नंबर और लोकेशन की जांच शुरू कर दी है तथा संभावित आईपी मैपिंग और कॉल-रूटिंग के ज़रिये आरोपी की पहचान तथा गिरफ्तारी की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय अधिकारीयों ने कहा है कि ऐसे मामलों में त्वरित तकनीकी और फॉरेंसिक जांच की आवश्यकता होती है और फिलहाल मामले की प्राथमिक जांच जारी है। घटना को लेकर सांसद कार्यालय और स्थानीय पुलिस के बीच समन्वय बना हुआ है तथा सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी उठाई गई है।
रवि किशन की प्रतिक्रिया, राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और संदर्भ
घटना के बाद खुद सांसद रवि किशन ने सार्वजनिक मंच और सोशल मीडिया पर कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि वे इन धमकियों से न भयभीत होंगे और न कभी अपने विचारों से पीछे हटेंगे। उन्होंने X (पूर्व में Twitter) पर लिखा कि ऐसे अपमानजनक और जानलेवा शब्द न केवल उनके व्यक्तिगत सम्मान पर हमला हैं, बल्कि उनकी आस्था और समाज के सांस्कृतिक मूल्यों पर भी चोट पहुँचाते हैं। रवि किशन ने कहा कि जनसेवा और राष्ट्रवाद उनकी जीवन की मार्गदर्शक नीतियाँ हैं और वे किसी भी कीमत पर इन सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धमकियाँ राजनीतिक माहौल और बिहार चुनाव के संदर्भ में आक्रोशित विरोधियों की हताश प्रतिक्रिया से उत्पन्न हो सकती हैं, यानी घटना को कुछ हिस्सों में चुनावी तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस घटना का राजनीतिक संदर्भ यह भी है कि हाल में छपरा से राजद प्रत्याशी और भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल यादव के कुछ बयान सार्वजनिक हुए थे, जिनके चलते दोनों पक्षों के बीच तीखी बातचीत और सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी भी देखने को मिली थी। धमकी देने वाले द्वारा खुद को खेसारी के समर्थक बताने का उल्लेख इस विवाद के राजनीतिक और सामुदायिक पहलू को और जटिल बनाता है; वहीं रवि किशन ने मामले को समाज को भड़काने का प्रयास करार देते हुए कहा कि ऐसा करना लोकतांत्रिक और वैचारिक बहस की मर्यादा के खिलाफ है और कानून अपना काम करेगा। इस सन्दर्भ में स्थानीय प्रशासन ने भी त्वरित कदम उठाने और आरोपी का पता लगाने की बात कही है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावना शून्य हो।
सुरक्षा, कानूनी प्रक्रियाएँ और सार्वजनिक संदेश
घटना के प्रकाश में सुरक्षा के तमाम पहलुओं पर भी बहस शुरू हो गई है-सबसे पहले यह कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि और सार्वजनिक हस्ती के प्रति इस तरह की धमकियों का स्रोत क्या है और क्या इसकी जड़ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता, सामाजिक उत्तेजना या फेक-न्यूज़/प्रोपेगंडा से जुड़ी हुई है। सांसद रवि किशन के पास केन्द्र और राज्य द्वारा प्रदान की गई Y+ श्रेणी सुरक्षा पहले से मौजूद है और इस घटना के बाद उनके केन्द्रीय तथा राज्यस्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा और ज़रूरत पड़ने पर और बढ़ाने की गुंजाइश पर भी विचार हो रहा है। पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर तकनीकी-क्राइम ब्रांच से सहयोग मांगा है, ताकि कॉल स्रोत, सिम-कार्ड रजिस्ट्रेशन और मोबाइल टावर डेटा की जांच कर आरोपित तक पहुँचा जा सके। इसके अतिरिक्त सांसद के वकीलों और परिवार ने भी सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सांसद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सार्वजनिक संदेश के तौर पर इस घटना ने लोकतांत्रिक समाज में अभिव्यक्ति की सीमा और हेट-सेल्फ़/हेट-स्पीच के बीच का फर्क भी उभारा है-वहीं सांसद ने अपने संकल्प और निरंतर जनसेवा के संदेश को दोहराया है, कहा कि चाहे कितनी भी धमकियाँ आएं, वे अपने अभियान और जनता के बीच पहुँच बनाये रखेंगे और चुनावी रैलियों तथा जनसभाओं में भाग लेते रहेंगे। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को चिन्हित कर शीघ्र कानूनी प्रक्रिया पूरी कर एक स्पष्ट संदेश भेजा जाएगा कि किसी भी तरह की हिंसक धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा।




