गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन शुक्ला को इस साल “दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। यह खबर सामने आते ही उनके प्रशंसकों और समर्थकों में अपार खुशी फैल गई। शहर के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की, वहीं सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई। रवि किशन ने इस सम्मान को अपने जीवन का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि यह पुरस्कार उन्हें उनके माता-पिता के आशीर्वाद, समर्थकों के स्नेह और गुरु गोरखनाथ बाबा के आशीष से मिला है। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से प्रेरणा लेकर अपने काम में समर्पण बनाए रखता हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरे भोजपुरी समाज और उन लोगों का है जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया।” गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले उन्हें फिल्म ‘लापता लेडीज’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था, और अब यह नया सम्मान उनके अभिनय करियर को और ऊंचाइयों पर ले गया है। इस उपलब्धि की खबर मिलते ही उनके गोरखपुर स्थित आवास पर समर्थक पहुंच गए और जमकर जश्न मनाया।
संघर्ष से सफलता तक का सफर, 33 वर्षों की मेहनत का मिला परिणाम
रवि किशन ने अपने तीन दशक लंबे करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने भोजपुरी सिनेमा से शुरुआत कर हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। जौनपुर जिले के केराकत गांव के एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने मुंबई की मायानगरी में अपनी जगह बनाई। शुरुआती दौर में संघर्ष का सामना करते हुए उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत से सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं। हिंदी फिल्म ‘हेरा फेरी 2’ में उनके किरदार ने दर्शकों के बीच उन्हें खास पहचान दिलाई, जहां उनके अभिनय ने दर्शकों को खूब हंसाया और प्रभावित किया। इसके अलावा उन्होंने कई टीवी शोज, रियलिटी कार्यक्रमों और वेब सीरीज में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उनकी लोकप्रियता केवल सिनेमाई पर्दे तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। रवि किशन के करीबियों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी शॉर्टकट नहीं अपनाया और हर मुकाम को कठिन परिश्रम और अनुशासन से हासिल किया है। उनके पीआरओ पवन दुबे के मुताबिक, “रवि किशन जी ने हमेशा अपने काम को पूजा की तरह माना है। यह पुरस्कार उनकी तपस्या, समर्पण और वर्षों की मेहनत का नतीजा है।”
फिल्मफेयर के बाद दोहरी खुशी, बोले- अब जिंदगी झंड नहीं, बम-बम बा
हाल ही में फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने के बाद जब रवि किशन गोरखपुर पहुंचे थे, तो उनका जोरदार स्वागत हुआ था। वे हाथों में फिल्मफेयर ट्रॉफी लेकर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और बाबा के चरणों में ट्रॉफी अर्पित की। अब एक और अवॉर्ड के मिलने से उनके चाहने वालों में उत्साह और बढ़ गया है। रवि किशन ने कहा कि जब उन्हें इस सम्मान की सूचना मिली तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा, “शुरुआत में मुझे लगता था कि मिट्टी के घर से निकला एक लड़का शायद इतने बड़े मंच तक नहीं पहुंच पाएगा, लेकिन आज मुझे यकीन है कि मेहनत और विश्वास से सब संभव है।” उन्होंने आगे बताया कि जब वे दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड के मंच पर पहुंचे, तो वहां मौजूद पूरी इंडस्ट्री ने उनका अभिवादन किया। उन्होंने गर्व से ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाया, जिससे पूरा सभागार गूंज उठा। रवि किशन ने कहा, “अब जिंदगी झंड नहीं, बम-बम बा। यह अवॉर्ड मुझे और ऊर्जा देता है कि मैं अपने अगले प्रोजेक्ट्स में और बेहतर करूं।” उन्होंने अपने परिवार, निर्देशक किरण राव, निर्माता आमिर खान और अपनी पार्टी के नेताओं का भी आभार जताया, जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। अंत में उन्होंने कहा कि यह सम्मान न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे भोजपुरी फिल्म उद्योग के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि यह साबित करता है कि मेहनत और समर्पण से हर कलाकार अपनी पहचान बना सकता है।




