गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाली राप्ती नदी का जलस्तर बीते दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। सोमवार और मंगलवार को नदी का जलस्तर करीब 2.5 मीटर बढ़ा और वर्तमान में यह 78.80 मीटर पर बह रही है। यह स्तर खतरे के निशान 80.30 मीटर से लगभग डेढ़ मीटर नीचे है। सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर राम आशीष यादव ने बताया कि जलस्तर में बढ़ोतरी का मुख्य कारण नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी वर्षा है, जिसकी वजह से नदी का प्रवाह तेज हो गया है। इस बढ़ते जलस्तर ने नदी किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है और लोग अब संभावित बाढ़ की आशंका को लेकर सतर्क हो गए हैं।
किसानों और ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
क्षेत्र के किसान, जो कुछ समय पहले तक सूखे और सिंचाई की कमी से जूझ रहे थे, अब नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण फसल पर मंडरा रहे बाढ़ के खतरे से चिंतित हैं। चकदहा, भूजौली, रामकोला, रिगौली और मिरिहिरिया जैसे गांवों के लोगों ने बताया कि लगातार बढ़ते पानी की वजह से खेतों में बुवाई और अन्य कृषि कार्य बाधित हो सकते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि यदि नदी का जलस्तर और बढ़ता है तो राहत और बचाव की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित की जाए। कई स्थानों पर लोग पहले से ही घरों में जरूरी सामान और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं।
प्रशासन अलर्ट पर, बाढ़ नियंत्रण की निगरानी तेज
सिंचाई विभाग और प्रशासन ने दावा किया है कि राप्ती नदी की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और जलस्तर बढ़ने की स्थिति में तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय स्तर पर बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नेपाल में बारिश का सिलसिला जारी रहा तो नदी का जलस्तर आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ सकता है। फिलहाल नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है लेकिन जिस गति से पानी का स्तर बढ़ रहा है, उसे देखते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने को कहा है।