गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में सोमवार सुबह से आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और शहर में मौसम ने अचानक करवट ली है। रविवार को हुई 8.9 मिलीमीटर बारिश के बाद दिन का तापमान पिछले 24 घंटों में 3 डिग्री और रात का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस गिर गया है। सामान्य से लगभग 0.4 डिग्री कम तापमान होने के बावजूद हवा में नमी बनी रहने के कारण उमस का अनुभव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, जिसके प्रभाव से सोमवार और मंगलवार को गोरखपुर में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार को हल्की बारिश का भी अनुमान जताया गया है।
ला नीना और सर्दी के प्रभाव
मौसम विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ डॉ. कैलाश पांडेय का कहना है कि इस वर्ष गोरखपुर में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना है। इसका मुख्य कारण प्रशांत महासागर में विकसित होने वाला मौसमी पैटर्न ‘ला नीना’ है। ला नीना की स्थिति में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है, जिससे सर्दियां अधिक कड़ी होती हैं और हिमालयी राज्यों में बर्फबारी भी बढ़ जाती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना विकसित होने की संभावना 71 प्रतिशत और दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच 54 प्रतिशत है। इससे उत्तर भारत, गोरखपुर सहित मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने की उम्मीद है।
ला नीना क्या है और इसका प्रभाव
आईआईएसईआर मोहाली और ब्राजील के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के 2024 के अध्ययन के अनुसार, ला नीना की स्थिति उत्तर भारत में शीतलहर को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड लंबे समय तक बनी रहती है, जबकि हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी सामान्य से अधिक हो जाती है। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ला नीना के प्रभाव से आने वाले महीनों में गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में ठंड बढ़ सकती है, जिसके लिए नागरिकों को सावधानी बरतने और आवश्यक तैयारी करने की सलाह दी गई है।