गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज ब्लॉक और आसपास के गांवों में बुधवार से लगातार हो रही हल्की बारिश ने किसानों को बड़ी राहत दी है। लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे अब खिल उठे हैं। रिमझिम बरसात ने न केवल मौसम को सुहाना बना दिया बल्कि खेतों में प्राकृतिक पानी भी भर दिया, जिससे धान की फसल को नई संजीवनी मिल गई है। खेतों में जमा हुआ यह पानी किसानों के लिए उतना ही लाभकारी माना जा रहा है जितना कि महंगे रासायनिक खादों का छिड़काव। स्थानीय किसानों का कहना है कि यह वर्षा समय पर हुई है और यदि यह सिलसिला कुछ और दिनों तक जारी रहता है तो फसल का उत्पादन उम्मीद से कहीं अधिक होगा।
किसानों की राय और उम्मीदें
शिवपुर गांव के किसान अरविंद सिंह और पप्पू सिंह ने बताया कि सुबह से हो रही लगातार बारिश से खेतों में पर्याप्त पानी भर गया है, जिससे उन्हें कृत्रिम सिंचाई पर खर्च नहीं करना पड़ेगा। उनका मानना है कि प्राकृतिक सिंचाई फसल के लिए अधिक उपयोगी साबित होती है और यह धान के पौधों की जड़ों को मजबूती देती है। वहीं किसान अवधेश सिंह ने कहा कि खेतों की हरियाली देखकर अब यह भरोसा जगा है कि इस सीजन की पैदावार बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि यदि हर तीन-चार दिन में इस तरह की बरसात होती रही तो धान की बालियां और भी ज्यादा विकसित होंगी और पैदावार में निश्चित तौर पर वृद्धि होगी। किसानों ने इसे सीधे-सीधे उनकी मेहनत और भविष्य की आमदनी से जोड़ते हुए एक वरदान बताया है।
मौसम ने बढ़ाई उम्मीदों की फसल
इस बारिश से न केवल खेतों की दशा सुधरी है बल्कि किसानों के भीतर भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है। लगातार पड़ रही धूप और सूखे जैसी स्थिति से जहां किसान चिंतित थे, वहीं अब वे भविष्य को लेकर आशावान हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग मान रहे हैं कि यह मौसम फसलों के लिए प्रकृति का उपहार है। कृषि विशेषज्ञों का भी कहना है कि समय पर हुई बारिश धान की फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। क्षेत्र में इस बरसात ने किसानों को आर्थिक बोझ से बचाया है क्योंकि उन्हें अब नहर या पंपिंग सेट से सिंचाई पर अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। कुल मिलाकर कैम्पियरगंज में हुई यह बारिश न केवल खेतों को तरोताजा कर गई है बल्कि किसानों के जीवन में उम्मीद और खुशियों की नई फसल भी बो गई है।