महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के पूर्व कुलपति, प्रोफेसर यू.पी. सिंह का आज सुबह 27 सितम्बर को करीब 3 बजे गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय में निधन हो गया। निधन के समय उनकी आयु 95 वर्ष थी। उनके निधन से पूरे पूर्वांचल और गोरखपुर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रो. यू.पी. सिंह ने अपने लंबे कार्यकाल में पूर्वांचल विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। कुलपति रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा के स्तर को मजबूत करने के लिए कई शैक्षणिक योजनाएँ शुरू कीं और सुधार लागू किए। वे केवल विश्वविद्यालय तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं मंत्री के रूप में कार्य करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में नई राहें खोलते रहे। उनके प्रयासों से पूर्वांचल क्षेत्र में शिक्षा की नई पहचान बनी।
आज सुबह उनके निधन की सूचना मिलते ही शिक्षा जगत और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग गहरे शोक में डूब गए। इस अवसर पर द्वारिका तिवारी गोरखनाथ मंदिर प्रबंधक ने पहुँचकर प्रो. सिंह को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
प्रो. सिंह को पूर्वांचल की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का सूत्रधार माना जाता है। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालयों और परिषदों के माध्यम से उच्च शिक्षा को नई दिशा मिली। ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार हुआ और संस्थानों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। उनके सादगीपूर्ण व्यक्तित्व, शिक्षा के प्रति निष्ठा और दूरदृष्टि ने नई पीढ़ी को लाभान्वित किया। यही कारण है कि उन्हें पूर्वांचल की शिक्षा यात्रा का मार्गदर्शक कहा जाता है।