गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (95 वर्ष) का शनिवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। शिक्षण कार्य में आने के बाद से ही प्रो. यूपी सिंह ने अपना पूरा जीवन गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को समर्पित कर दिया।
उनका अंतिम संस्कार 28 सितंबर को दोपहर 12 बजे राजघाट में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें अंतिम विदाई देंगे। प्रो. यूपी सिंह ने अपने पीछे दो पुत्रों का परिवार छोड़ा है-बड़े पुत्र प्रो. वीके सिंह, जो गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे, और छोटे पुत्र प्रो. राजीव कृष्ण सिंह, जो यूपी कॉलेज में आचार्य हैं।
गोरक्षपीठ के तीन पीठाधीश्वरों के साथ कार्य करने का गौरव
मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी प्रो. यूपी सिंह उन विरले विद्वानों में शामिल थे जिन्हें गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने का अवसर मिला। गणित विषय के विद्वान प्रो. यूपी सिंह की शिक्षकीय यात्रा की शुरुआत महाराणा प्रताप महाविद्यालय से हुई, जहां उन्हें तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने नियुक्त किया। बाद में उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति के रूप में भी सेवाएं दी। महंत दिग्विजयनाथ के पश्चात प्रो. यूपी सिंह ने महंत अवेद्यनाथ के मार्गदर्शन में शिक्षा परिषद की सेवा की, जो आजीवन जारी रही और वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में उन्होंने कार्य किया।
विद्वता, कर्मठता और सांगठनिक कौशल के लिए याद किए जाएंगे
प्रो. सिंह को उनकी विद्वता, कर्मठता और सांगठनिक कौशल के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा। डॉ. भोलेन्द्र सिंह के बाद वर्ष 2018 में उन्हें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने अंतिम सांस तक इस पद का निर्वहन किया।
वे शिक्षा परिषद के कार्यों और अध्ययन में लगातार व्यस्त रहते थे, और 2021 में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना के समय उन्हें इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया। इसके अलावा प्रो. यूपी सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक और विद्या भारती में भी विविध पदों का सफल निर्वहन किया। उनके निधन से न केवल शिक्षा जगत बल्कि गोरक्षपीठ समुदाय में भी अपूरणीय क्षति हुई है।