अखिलेश और बिहार यात्रा पर तीखा हमला
गोरखपुर में सोमवार को आयोजित सुभासपा की मंडलीय समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जो नेता अपनी ही सीट सुरक्षित नहीं रख पा रहे, वे बिहार में जीत दिलाने का दावा कर रहे हैं। राजभर ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को असफल बताते हुए कहा कि इसका कोई प्रभाव जनता पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने विपक्षी नेताओं को “दगे हुए कारतूस” बताते हुए दावा किया कि एनडीए गठबंधन ही बिहार में सरकार बनाएगा। राजभर के मुताबिक, कांग्रेस और उसके सहयोगी दल केवल भ्रम फैलाने और हार का ठीकरा भाजपा पर फोड़ने की रणनीति बना रहे हैं।
कांग्रेस पर वोट चोरी का गंभीर आरोप
राजभर ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर कई ऐतिहासिक आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वोट चोरी कांग्रेस ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने के लिए की थी। राजभर का दावा था कि नेहरू को मात्र एक वोट मिला था, जबकि 11 वोट किसी अन्य उम्मीदवार को मिले थे, बावजूद इसके नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1952 में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को हराने के लिए कांग्रेस ने 78 हजार वोटों की हेराफेरी की थी और खुद बाबा साहेब ने इस संबंध में चुनाव आयोग में एफिडेविट दाखिल किया था। उन्होंने वाराणसी का उदाहरण भी दिया, जहां कथित तौर पर मतपेटियां गंगा में फेंक दी गई थीं और मछुआरों के जाल में फंसकर सामने आईं। राजभर ने कहा कि कांग्रेस वोट चोरी करने में माहिर रही है और अब बिहार चुनाव हारने से पहले ही इसका बहाना तैयार कर रही है।
पंचायत चुनाव और सुभासपा की रणनीति
बैठक के दौरान राजभर ने पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था पर भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने पर विचार चल रहा है। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो बार चर्चा भी हो चुकी है और सकारात्मक आश्वासन मिला है। राजभर ने सुभासपा कार्यकर्ताओं से संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का आह्वान किया और विपक्षी दलों पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने विपक्षी गठबंधन को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि 60 साल तक कांग्रेस ने शासन किया लेकिन इस दौरान पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को केवल धोखा दिया।