ग्रामीण इलाकों में अब हर घर से केवल 1 रुपये सरचार्ज लेकर नियमित डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था शुरू की जा रही है। यह व्यवस्था स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत लागू की जा रही है। पंचायती राज निदेशालय के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के स्टेट नोडल ने शनिवार को सरदारनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चौरी का निरीक्षण किया और इस नई व्यवस्था को जल्द लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य गांवों में स्वच्छता बनाए रखना और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को व्यवस्थित बनाना है। इस यूनिट के जरिए हर घर से कचरा इकट्ठा कर उसका निपटारा गांव में ही किया जाएगा ताकि पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके और ग्रामीणों को साफ-सुथरा माहौल मिले।
निरीक्षण में दिए निर्देश, तय हुआ सरचार्ज मॉडल
निरीक्षण के दौरान स्टेट नोडल ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट की मशीनों की कार्यक्षमता और रखरखाव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्राम प्रधान और पंचायत कर्मियों को निर्देश दिए कि गांव के हर घर से 1 रुपये का सरचार्ज लेकर सफाईकर्मियों के माध्यम से नियमित कूड़ा संग्रहण सुनिश्चित किया जाए। इससे एक ओर सफाई व्यवस्था को वित्तीय मजबूती मिलेगी तो दूसरी ओर गांव की सड़कों और गलियों में कचरा जमा नहीं होगा। राघवेंद्र द्विवेदी ने यह भी कहा कि सफाईकर्मियों को नियमित भुगतान और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायत को इस व्यवस्था को स्थायी रूप से लागू करना चाहिए।
कब से होगी शुरुआत और किसे मिलेगा फायदा
इस नई व्यवस्था की शुरुआत नवंबर के पहले सप्ताह से की जाएगी। शुरुआती चरण में सरदारनगर ब्लॉक की कुछ ग्राम पंचायतों में यह मॉडल लागू होगा, जिसके बाद इसे पूरे गोरखपुर जिले में विस्तारित किया जाएगा। इस योजना से ग्राम पंचायत के हर घर को फायदा मिलेगा। सफाईकर्मी हर सुबह घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करेंगे और उसे ग्राम पंचायत की प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट तक पहुंचाएंगे। वहां प्लास्टिक और अन्य कचरे को अलग-अलग कर पुनर्चक्रण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इससे गांवों में खुले में कचरा फेंकने और जलाने की समस्या कम होगी। ग्रामीण इलाकों में कचरा प्रबंधन की इस 1 रुपये वाली पहल से गांवों का वातावरण स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ रहेगा। यह योजना आने वाले समय में पूरे प्रदेश के लिए एक सफल मॉडल साबित हो सकती है।