गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेलवे कार्यालयों और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने के बाद अब गोरखपुर में सोलर पार्क विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। यह पूर्वोत्तर रेलवे का दूसरा सोलर पार्क होगा, पहला सोलर पार्क बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में स्थापित किया गया था। महाप्रबंधक उदय बोरवणकर ने हाल ही में सौर ऊर्जा उत्पादन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को गोरखपुर में सोलर पार्क की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके बाद भूमि चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गोरखपुर मुख्यालय होने के कारण पर्याप्त भूमि उपलब्ध है और अधिकारियों की नजर ऐसे स्थानों पर है जहां सालभर पर्याप्त धूप मिले।
नेट जीरो लक्ष्य और निवेश योजना
पूर्वोत्तर रेलवे ने वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में रेलवे 93 करोड़ 75 लाख रुपये का निवेश कर रहा है। योजना के तहत स्टेशनों, नए विभागीय भवनों और खाली रेलवे भूमि पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल से सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। एनईआर के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में नवंबर तक 36.25 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन सोलर पैनलों से किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि गोरखपुर में सोलर पार्क के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया जा रहा है और इस परियोजना से हरित रेल मिशन को नई गति मिलेगी।
अमृत भारत स्टेशनों और ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास हो रहे स्टेशनों के भवनों पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के 36 स्टेशनों और 1.54 एकड़ खाली भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इसमें गोरखपुर मुख्यालय के साथ लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल शामिल हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 4 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में एनईआर में कुल 6.58 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल पहले से कार्यरत हैं। इस तरह गोरखपुर सोलर पार्क के निर्माण से पूर्वोत्तर रेलवे का सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा और रेलवे का नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।