गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शुक्रवार देर रात रामपुर जिले में हुई मुठभेड़ में गोरखपुर के बहुचर्चित NEET छात्र हत्याकांड के मुख्य आरोपी जुबैर उर्फ कालिया को मार गिराया। उस पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था और उसकी तलाश में STF व कई जिलों की पुलिस टीमें लगातार जुटी थीं। जानकारी के मुताबिक, STF को इनपुट मिला था कि जुबैर अपने साथी के साथ रामपुर के चाकू चौक से मंडी जाने वाले रास्ते पर छिपा हुआ है। घेराबंदी के दौरान आरोपी ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से जुबैर गंभीर रूप से घायल हुआ और बाद में अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस एनकाउंटर में STF का दरोगा राहुल जादौन और सिपाही संदीप कुमार भी घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। पुलिस को मौके से एक कट्टा और पिस्टल बरामद हुई, जबकि उसका एक साथी भागने में सफल रहा। मुरादाबाद जोन के डीआईजी मुनिराज जी और गोरखपुर जोन के डीआईजी शिवसिंपी चनप्पा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी पर हत्या, हत्या के प्रयास और गोकशी सहित 18 संगीन मामले दर्ज थे।
गोरखपुर में 15 सितंबर को हुई थी वारदात, हंगामे में छात्र की जान गई
15 सितंबर की रात गोरखपुर जिले के पिपराइच क्षेत्र के मऊआचापी गांव में 10-12 पशु तस्करों का गैंग दो पिकअप गाड़ियों के साथ पहुंचा था। उन्होंने सुनसान इलाके में स्थित एक फर्नीचर की दुकान का ताला तोड़ने की कोशिश की। शोर सुनकर मकान के ऊपर सो रहा छात्र दीपक गुप्ता (NEET की तैयारी कर रहा था) जाग गया और परिजनों को खबर दी। देखते ही देखते ग्रामीण मौके पर जुट गए और तस्करों से भिड़ गए। हंगामे के बीच तस्करों ने गोलियां चलाईं और अफरा-तफरी में दीपक को जबरन गाड़ी में खींच ले गए। कुछ दूरी पर उसका शव खून से लथपथ बरामद हुआ। इस घटना से इलाके में बवाल मच गया और लोगों ने गोरखपुर–पिपराइच रोड जाम कर दिया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर भी पथराव हुआ, जिसमें एसपी नॉर्थ और थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद घटना से जुड़े कई आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि मुख्य आरोपी जुबैर लगातार फरार था।
सख्त कार्रवाई का भरोसा और लगातार ऑपरेशन
गोरखपुर हत्याकांड के बाद से ही राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन दबाव में था। मृतक छात्र दीपक के परिजनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात कर पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। परिजनों की मांग पर मुख्यमंत्री ने आरोपियों की संपत्ति जब्त करने और बुलडोजर कार्रवाई के आदेश भी दिए। SSP गोरखपुर ने 23 घंटे के भीतर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किया और पूरे मामले की जांच बैठा दी। इसके बाद STF ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और कुछ को एनकाउंटर में घायल कर पकड़ा। अंततः शुक्रवार रात रामपुर में हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी जुबैर का सफर खत्म हो गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मार्च 2017 से अब तक प्रदेश में 249 कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। जुबैर के मारे जाने को प्रदेश पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है, हालांकि उसका एक साथी अब भी फरार है जिसकी तलाश जारी है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कड़ी कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और जनता में कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा मजबूत होगा।