गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के सांसद और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता रविकिशन शुक्ला ने करवा चौथ के पावन अवसर पर अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारी के बीच अद्भुत संतुलन का उदाहरण पेश किया। शुक्रवार को पूरा दिन वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखपुर में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में शामिल रहे, जहां उन्होंने जनता के मुद्दों और विकास परियोजनाओं से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई। सुबह 10 बजे से लेकर शाम तक वे चंपा देवी पार्क में आयोजित यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला और पॉम पैराडाइज योजना के अंतर्गत आयोजित चाबी वितरण समारोह में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी द्वारा उनके घड़ी को लेकर की गई हल्की-फुल्की टिप्पणी ने भी कार्यक्रम को खुशनुमा बना दिया। इन सभी औपचारिक कार्यक्रमों के बीच भी रविकिशन के मन में करवा चौथ जैसे पारिवारिक पर्व की भावना जीवंत रही। उन्होंने साफ कहा कि “करवा चौथ का दिन मेरे लिए खास होता है और मैं इसे हर हाल में अपने परिवार के बीच रहकर मनाता हूं।” कार्यक्रमों के बाद उन्होंने गोरखपुर से सीधे मुंबई की फ्लाइट ली ताकि चांद निकलने से पहले वह अपनी पत्नी के पास पहुंच सकें।
मुंबई में परिवार संग मनाया करवा चौथ, नारी शक्ति को किया नमन
मुंबई पहुंचने के बाद रविकिशन ने पत्नी प्रीति शुक्ला संग करवा चौथ का पर्व पारंपरिक ढंग से मनाया। चांद निकलने पर उन्होंने स्वयं अपनी पत्नी को जल पिलाकर व्रत पूर्ण कराया। इस अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए, जिनमें वे पारंपरिक पोशाक में पत्नी के साथ दिख रहे हैं। उन्होंने सभी व्रती महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “करवा चौथ का व्रत नारी के त्याग, प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस व्रत से परिवार में सौहार्द और स्नेह का बंधन और अधिक मजबूत होता है।” रविकिशन की इस पारिवारिक झलक को देखकर उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर खूब सराहना की। एक ओर दिनभर वे जनता के नेता के रूप में जिम्मेदारियों का निर्वहन करते दिखे, वहीं रात में स्नेही पति के रूप में अपने जीवनसाथी के प्रति समर्पण भी प्रदर्शित किया। यह दृश्य उनके जीवन के दो पहलुओं – जनसेवा और पारिवारिक जीवन – के सुंदर संतुलन को उजागर करता है।
जिम्मेदारी और संबंधों के बीच संतुलन की मिसाल बने रविकिशन
रविकिशन शुक्ला न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं, बल्कि बॉलीवुड में भी एक लोकप्रिय चेहरा हैं। उनकी पत्नी प्रीति शुक्ला और बच्चे मुंबई में रहते हैं, जबकि वे अक्सर गोरखपुर और देश के अन्य हिस्सों में राजनीतिक व फिल्मी जिम्मेदारियों के कारण यात्रा करते रहते हैं। बीते कई दिनों से वह मुंबई से बाहर थे, कभी गोरखपुर में जनप्रतिनिधि के रूप में और कभी शूटिंग के सिलसिले में अन्य शहरों में। लेकिन करवा चौथ के दिन उन्होंने हर व्यस्तता को किनारे रखकर समय पर घर पहुंचना प्राथमिकता बनाया। उनकी यह संवेदनशीलता न केवल पारिवारिक रिश्तों के प्रति समर्पण दिखाती है बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि व्यस्ततम जीवन के बीच भी रिश्तों की गर्माहट बनाए रखना आवश्यक है। रविकिशन ने इस अवसर पर यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है और करवा चौथ का पर्व उसी विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने मां पार्वती और भगवान शिव से सभी सुहागिनों के दीर्घ सुहाग की कामना की और कहा कि “हर दांपत्य जीवन सुखमय एवं समृद्ध रहे।” उनका यह संदेश सामाजिक मूल्यों, संस्कृति और परिवार के प्रति उनकी आस्था का प्रमाण है। इस तरह करवा चौथ का दिन रविकिशन के जीवन का ऐसा उदाहरण बन गया, जब एक ही दिन में उन्होंने ‘जननेता’ और ‘गृहस्थ पुरुष’ दोनों की भूमिकाओं को समान निष्ठा के साथ निभाया।