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लंदन से गोरखपुर तक 26.45 लाख की साइबर ठगी: सोशल मीडिया पर भाई-बहन का रिश्ता जोड़कर दो सगी बहनों को बनाया शिकार

चौरीचौरा की दो बहनों से गिफ्ट और इमोशनल ट्रैप के जरिए जालसाज ने हड़पे लाखों रुपये, साइबर पुलिस ने जांच शुरू की

Cyber fraud case of two sisters duped of 26 lakh in Gorakhpur

गोरखपुर जिले के चौरीचौरा क्षेत्र में रहने वाली दो सगी बहनों के साथ लंदन से बैठे एक साइबर ठग ने भावनात्मक रिश्ता जोड़कर 26.45 लाख रुपये की ठगी की है। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि सोशल मीडिया पर बनावटी रिश्ते और भरोसे के नाम पर ठग किस तरह लोगों की मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, चौरीचौरा की रहने वाली 35 वर्षीय अंजू वर्मा ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी है कि उनकी बहन खुशबू के सोशल मीडिया अकाउंट पर अप्रैल 2025 में एक अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे अनजाने में स्वीकार कर लिया गया। कुछ ही दिनों में वह व्यक्ति उनसे लगातार बातचीत करने लगा और खुद को लंदन निवासी “अमन” नाम का भारतीय बताने लगा। उसने दोनों बहनों से भावनात्मक बातें करते हुए कहा कि उसकी कोई बहन नहीं है और वह उन्हें अपनी बहन मानता है। शुरू में सामान्य बातचीत के बाद उसने परिवार, निजी जीवन और संबंधों के बारे में पूछताछ शुरू कर दी जिससे वह धीरे-धीरे दोनों बहनों के विश्वास में आ गया।

गिफ्ट का झांसा देकर ठग ने रची योजना

तीन दिनों के भीतर ही अमन ने दोनों बहनों को बताया कि 25 अप्रैल उसका जन्मदिन है और वह उन्हें एक खास गिफ्ट भेजना चाहता है। पहले तो बहनों ने मना किया लेकिन उसने जोर देकर कहा कि गिफ्ट पहले ही भेज दिया गया है। कुछ दिनों बाद खुशबू के मोबाइल पर “हिमांशु खरे” नाम के एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को लंदन से गिफ्ट डिलीवरी करने वाला बताया। उसने कहा कि गिफ्ट मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच गया है लेकिन उसे छुड़ाने के लिए डिलीवरी चार्ज 17 हजार रुपये जमा करने होंगे। बहनों ने झांसे में आकर यह रकम स्कैनर के माध्यम से भेज दी। थोड़ी देर बाद उसी व्यक्ति का दोबारा फोन आया और बताया कि कस्टम विभाग ने पैकेट रोक लिया है क्योंकि उसमें डायमंड और गोल्ड की ज्वेलरी है। उसने यह भी कहा कि यदि वे गिफ्ट चाहती हैं तो 50 हजार रुपये टैक्स के रूप में जमा करने होंगे। दोनों बहनों ने किसी तरह यह रकम भी जुटाकर भेज दी, लेकिन इसके बाद भी न तो कोई डिलीवरी मिली और न ही कोई गिफ्ट। धीरे-धीरे ठग ने नई-नई कहानियां गढ़ते हुए उनसे अलग-अलग खातों में रकम मंगानी शुरू कर दी। उसने दावा किया कि गिफ्ट भेजने वाला “अमन” लंदन से मुंबई आ गया है और सीबीआई ने उसे पकड़ लिया है। फिर अमन के नाम से कॉल आकर बहनों से कहा गया कि उसे छुड़ाने के लिए पैसे भेजें। दोनों बहनें भावनाओं में बहकर उसे पैसे भेजती रहीं।

साइबर पुलिस जांच में जुटी, विशेषज्ञों को सौंपा मामला

अप्रैल से लेकर अक्टूबर 2025 तक के दौरान दोनों बहनों ने अपने गहने बेचकर लगभग 26.45 लाख रुपये ठग को भेज दिए, लेकिन उन्हें न गिफ्ट मिला और न ही उनका संपर्क उस व्यक्ति से बना रहा। जब तक उन्हें हकीकत समझ में आई, तब तक ठग का मोबाइल बंद हो चुका था। मानसिक रूप से आहत अंजू वर्मा ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी रशीद खान ने बताया कि मामले की जांच तेज कर दी गई है और साइबर विशेषज्ञों की टीम ठग के डिजिटल ट्रेल को ट्रैक कर रही है। पुलिस अब उस बैंक खातों, वॉलेट्स और कॉल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण कर रही है जिनमें पैसा भेजा गया था। प्राथमिक जांच से पता चला है कि ठग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित गिरोह की मदद से यह फर्जीवाड़ा किया। वहीं, स्थानीय लोगों और साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना इस बात का बड़ा उदाहरण है कि किस तरह सोशल मीडिया पर भावनात्मक संबंधों का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा जा रहा है। पुलिस ने आम जनता को आगाह किया है कि वे किसी भी अंजान व्यक्ति से ऑनलाइन दोस्ती करते समय सावधानी बरतें और किसी भी परिस्थिति में पैसे या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

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