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Gorakhpur News: कैम्पियरगंज में अधिवक्ताओं का न्यायिक कार्य से बहिष्कार

वाराणसी की घटना के विरोध में उठी आवाज, पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और ज्ञापन सौंपा गया

Lawyers protesting in Campierganj against police actions

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज तहसील में अधिवक्ताओं ने सोमवार को न्यायिक कार्य से पूर्ण बहिष्कार कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह कदम वाराणसी में एक दरोगा द्वारा अधिवक्ताओं की पिटाई और उसके बाद दर्ज किए गए मुकदमों के विरोध स्वरूप उठाया गया। अधिवक्ताओं का कहना है कि वाराणसी में हुई घटना न केवल वकीलों की गरिमा पर हमला है बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। इस मामले में कई अधिवक्ता गंभीर रूप से घायल हुए, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने दर्जनों वकीलों के खिलाफ कड़ी धाराओं में केस दर्ज कर स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। इसी पृष्ठभूमि में कैम्पियरगंज के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से दूरी बनाते हुए न्यायालय परिसर में एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और जोरदार नारेबाजी की।

ज्ञापन सौंपकर रखी गई मांगें

विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार नरेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वाराणसी में दर्ज किए गए सभी फर्जी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं। साथ ही घायल अधिवक्ताओं को उचित मुआवजा दिया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस पूरे प्रकरण में शामिल पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाए। अधिवक्ताओं का कहना था कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि वकील समाज अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है।

बार एसोसिएशन का समर्थन

इस विरोध प्रदर्शन में बार एसोसिएशन के कई पदाधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से मौजूद रहे। इनमें वीरेंद्र सिंह, शैलेश कुमार, कौशल जायसवाल, ओमलाल श्रीवास्तव और सुशील मिश्रा प्रमुख थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन केवल एक जिले तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे प्रदेश में अधिवक्ता समुदाय को प्रभावित करेगा। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि वकील न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके साथ हुई मारपीट और उत्पीड़न लोकतंत्र के लिए भी गंभीर खतरे का संकेत है। अधिवक्ताओं ने दोहराया कि जब तक वाराणसी की घटना में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती और घायल वकीलों को न्याय नहीं मिलता, तब तक विरोध जारी रहेगा। कैम्पियरगंज का यह प्रदर्शन प्रदेशभर के अधिवक्ताओं में बढ़ते आक्रोश की झलक है, जो आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।

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