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गोरखपुर में शुरू हुआ कश्मीरी मार्केट, ऊनी कपड़ों की खरीदारी के लिए उमड़ रही ग्राहकों की भीड़

कश्मीर से आए व्यापारियों ने पेश किया सर्दियों का शानदार कलेक्शन, सस्ती दरों पर मिल रहे शॉल, जैकेट और स्वेटर, तीन महीने तक खुलेगा बाजार

Crowd shopping at Kashmiri woolen market in Gorakhpur

गोरखपुर में सर्दियों की दस्तक के साथ ही शहरवासियों के लिए खरीदारी का सबसे लोकप्रिय मेला-कश्मीरी वूलन मार्केट-कचहरी क्लब परिसर में शुरू हो गया है। टाउन हॉल के पास हर साल लगने वाला यह मेला इस बार भी रंग और रौनक से भर गया है। 10 नवंबर से बाजार आम ग्राहकों के लिए आधिकारिक रूप से खुल जाएगा, लेकिन इससे पहले ही खरीददारों की भीड़ उमड़ने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी कश्मीर और तिब्बत से आए व्यापारी अपने उत्कृष्ट ऊनी कलेक्शन के साथ गोरखपुर पहुंचे हैं। शॉल, स्टॉल, स्वेटर, कश्मीरी सूट और जैकेट के रंग-बिरंगे प्रदर्शन ने ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। कश्मीर से आए व्यापारी मोहम्मद इरफान ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से इस मेले में हिस्सा लेते हैं और हर साल गोरखपुर के लोगों का प्यार और अच्छा रिस्पॉन्स उन्हें यहां खींच लाता है। उन्होंने कहा, “यहां के लोग बहुत अच्छे हैं और हमारे कलेक्शन को काफी पसंद करते हैं।” वहीं दुकानदार शकील अहमद, जो पिछले 28 सालों से इस मार्केट का हिस्सा हैं, ने बताया कि इस बार भी ग्राहकों की भीड़ पहले से अधिक है। उन्होंने कहा कि उनके पास 150 रुपये से 1200 रुपये तक के विभिन्न ऊनी कपड़े उपलब्ध हैं, जिनमें लोअर, जैकेट, स्वेटर और अन्य वस्त्र शामिल हैं।

व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद मेला

कश्मीरी मार्केट न केवल सर्दियों की खरीदारी का प्रमुख आकर्षण है, बल्कि यह व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी अवसर भी प्रदान करता है। व्यापारी अपने हस्तनिर्मित उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं, जिससे बीच के बिचौलियों का खर्च बचता है और ग्राहक सस्ते दामों पर गुणवत्तापूर्ण कपड़े खरीद पाते हैं। दुकानदार राजकुमार सोनकर ने बताया कि उनके पास 200 से 1000 रुपये तक के जैकेट और वूलेन सूट उपलब्ध हैं जो पूरी तरह से कश्मीरी फैब्रिक से बने हैं। इरफान ने कहा कि उनके स्टॉल पर 500 से 3500 रुपये तक के कश्मीरी शॉल और स्टॉल मिल रहे हैं, जिनकी क्वालिटी और डिज़ाइन लोगों को खूब पसंद आ रही है। उन्होंने बताया कि हर दिन सैकड़ों ग्राहक उनके स्टॉल पर पहुंच रहे हैं। वहीं ग्राहकों ने भी इस बाजार की खूब तारीफ की। कुशीनगर से आए ग्राहक मनीष राज ने कहा, “मैं हर साल यहां खरीदारी करने आता हूं। यहां का कलेक्शन इतना अच्छा और सस्ता होता है कि एक बार आने पर कई कपड़े खरीद लेता हूं।” एक अन्य ग्राहक प्रतिमा मिश्रा ने कहा, “यहां कपड़ों की गुणवत्ता बेहद शानदार है। टिकाऊ होने के साथ कीमतें भी बहुत किफायती हैं। हम एक स्वेटर लेने आते हैं, लेकिन खरीदारी की रेंज इतनी बढ़िया होती है कि कई चीजें खरीद ले जाते हैं।”

तीन महीने तक रहेगा मेला, सर्दियों की खरीदारी का बनेगा केंद्र

कश्मीरी मार्केट लगभग तीन महीने तक कचहरी क्लब में लगा रहेगा, जिससे लोगों को सर्दियों के मौसम में पर्याप्त समय तक खरीदारी का मौका मिलेगा। यह बाजार न केवल कपड़ों की खरीदारी के लिए बल्कि सांस्कृतिक मेलजोल और पारंपरिक हस्तकला के प्रदर्शन का केंद्र भी बन चुका है। इस बार मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें अधिकांश व्यापारी कश्मीर और तिब्बत से आए हैं, जबकि कुछ स्टॉल उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से भी हैं। हर स्टॉल पर अलग-अलग किस्म के ऊनी कपड़े, जैसे शॉल, मफलर, टोपी, दस्ताने, कश्मीरी सूट और स्वेटर, उपलब्ध हैं। ग्राहकों का कहना है कि यहां की वस्तुएं न केवल स्टाइलिश हैं, बल्कि ठंड से बचाव के लिए भी बेहतरीन हैं। एक स्थानीय खरीदार ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम साल भर इस मेले का इंतजार करते हैं। यहां की खरीदारी सस्ती भी है और भरोसेमंद भी।” बाजार के संचालकों ने बताया कि इस साल उन्होंने ग्राहकों की सुविधा के लिए नए डिज़ाइन और आधुनिक रेंज पेश की है, ताकि हर आयु वर्ग के लोग अपनी पसंद की चीज़ खरीद सकें। गोरखपुर का यह कश्मीरी मार्केट अब केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि सर्दियों के मौसम का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जहां हर साल हजारों लोग खरीदारी के साथ-साथ कश्मीर की कला, संस्कृति और परंपरा का अनुभव करने पहुंचते हैं।

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