गोरखपुर पुलिस ने उस मामले का खुलासा कर दिया है, जिसमें कानपुर निवासी युवक पर गोली चलने की सूचना फैली थी। जांच में सामने आया कि यह कोई बाहरी हमला नहीं था, बल्कि युवक ने खुद ही अपने दोस्त से गोली चलवाई थी। पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय राहुल गौतम पर कानपुर में गैंगस्टर एक्ट समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसने लाखों रुपये का कर्ज लिया हुआ था। कर्जदारों के दबाव से बचने के लिए राहुल ने एक अनोखी साजिश रची। वह गोरखपुर अपनी प्रेमिका से मिलने आया और योजना के तहत अपने दोस्त अनूप पांडेय से कंधे पर गोली चलवाई, ताकि कर्जदार यह मान लें कि वह गंभीर रूप से घायल है और कुछ समय तक पैसे की मांग न करें।
पुलिस की जांच में खुला पूरा खेल
बेलीपार थाना पुलिस ने जब राहुल गौतम से सख्ती से पूछताछ की तो उसकी कहानी में विरोधाभास पकड़े गए। शुरू में उसने दावा किया था कि देर रात नौसड़ इलाके में कार सवार दो युवकों ने उस पर गोली चलाई। लेकिन पुलिस की तहकीकात में सच्चाई सामने आ गई कि गोली किसी अज्ञात बदमाश ने नहीं, बल्कि उसके अपने दोस्त अनूप पांडेय ने चलाई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से घटना में इस्तेमाल तमंचा भी बरामद किया। एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राहुल ने होटल में ठहरने, देर रात घूमने और हमले की झूठी कहानी गढ़ी थी। उसका दोस्त घटना के बाद बस्ती चला गया था, जबकि राहुल खुद को अस्पताल में भर्ती करा कर ‘हमले’ का शिकार साबित करने की कोशिश करता रहा।
प्रेमिका से मिलने के बहाने आया था गोरखपुर
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि राहुल गौतम एसी मैकेनिक का काम करता है और गोरखपुर बार-बार अपनी प्रेमिका से मिलने आता था। इसी बार भी वह उसी बहाने यहां पहुंचा था। उसने माना कि लाखों रुपये कर्ज होने के कारण वह मानसिक दबाव में था और चाहता था कि खुद पर हमले की खबर फैलाकर कर्जदारों को भ्रमित कर दे। लेकिन पुलिस की पैनी जांच में उसकी पूरी योजना धरी रह गई। अब राहुल और अनूप दोनों को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को पुलिस दोनों के खिलाफ झूठी सूचना देने और अवैध हथियार रखने का मुकदमा दर्ज करेगी।
गोरखपुर पुलिस ने इस केस का पर्दाफाश कर यह साफ संदेश दिया है कि अपराधियों के नाटक और झूठी कहानियां ज्यादा दिन तक छिपी नहीं रह सकतीं। राहुल गौतम जैसे आरोपियों की गिरफ्तारी यह भी दिखाती है कि कानून के शिकंजे से बचने के लिए रची गई साजिशें अंततः उन्हीं पर भारी पड़ती हैं।