गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में शुक्रवार को सियासी गर्मी उस वक्त बढ़ गई जब समाजवादी पार्टी की नेता काजल निषाद सांसद रवि किशन के हालिया बयान को लेकर मॉल में विरोध जताने पहुंचीं। मामला जीएसटी दरों में बदलाव और उससे जुड़े छूट के दावों से संबंधित है। दरअसल, रवि किशन ने हाल ही में एक सभा में कहा था कि बाजार में 50 फीसदी तक की छूट मिल रही है और जनता त्योहारों से पहले इसका लाभ उठा सकती है। उन्होंने यहां तक कहा था कि 3000 रुपए की जैकेट अब 1600 रुपए में उपलब्ध है। इस बयान को आधार बनाकर काजल निषाद गोरखपुर के सिटी मॉल पहुंचीं और दुकानदारों से 50 फीसदी डिस्काउंट की मांग की। जब दुकानदारों ने छूट देने से मना किया, तो काजल निषाद जमीन पर बैठ गईं और कहा कि भाजपा नेता जनता को झूठे वादों से बहला रहे हैं। उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि रवि किशन न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी दे रहे हैं बल्कि लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। काजल ने यहां मौजूद ग्राहकों से भी बातचीत की और बताया कि असलियत में बाजार में कोई ऐसी भारी छूट नहीं मिल रही है जैसा दावा किया गया था। उनका कहना था कि यह सब जनता को बरगलाने का तरीका है और सच्चाई यह है कि जीएसटी दरों में मामूली कमी हुई है, लेकिन इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर 50% छूट के रूप में नहीं दिख रहा है।
जनता को बरगलाने का आरोप, कहा – असल मुद्दों से भटका रही सरकार
काजल निषाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्तमान सरकार और भाजपा नेता जनता को मुद्दों से भटकाने की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 और 28 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब को हटाने का ऐलान किया जरूर है, लेकिन अभी भी 5 और 12 फीसदी टैक्स अधिकांश वस्तुओं पर लागू है। बावजूद इसके, रवि किशन जैसे सांसदों द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि बाजार में आधे दाम पर सामान मिल रहा है। काजल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि या तो रवि किशन का गणित कमजोर है या फिर वे झूठ बोलने में अपने नेतृत्व से आगे निकलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जनता को असल में चाहिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी ठोस नीतियां, लेकिन सरकार इन मुद्दों से ध्यान भटकाकर त्योहारों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता बटोरना चाहती है। निषाद ने कहा कि दुकानदारों ने साफ बताया है कि जीएसटी में थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन ऐसी कोई स्थिति नहीं बनी है कि कीमतें आधी हो जाएं। उनका आरोप था कि व्यापारी और भाजपा नेताओं की मिलीभगत से ऐसे भ्रामक संदेश फैलाए जा रहे हैं ताकि जनता असल मुद्दों पर सवाल न कर सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर सच में 3000 की जैकेट 1600 में मिल रही है तो पहले यह व्यवस्था कार्यकर्ताओं के लिए लागू की जाए।
काजल निषाद की राजनीतिक पृष्ठभूमि और चेतावनी
काजल निषाद ने मॉल में विरोध के दौरान यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को बेवकूफ बनाना बंद करना होगा। उन्होंने विशेष रूप से “Gen Z” का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि इस पीढ़ी को उकसाने का परिणाम सत्ता को भुगतना पड़ेगा। काजल का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय हालात और पड़ोसी देशों से प्रभावित घटनाओं का असर देश के भीतर भी देखा जा रहा है और ऐसे समय में जनता को झूठे दावों से गुमराह करना बेहद खतरनाक है। काजल निषाद के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो उन्होंने 2012 में कांग्रेस से गोरखपुर ग्रामीण सीट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन की और 2022 में कैंपियरगंज विधानसभा से सपा प्रत्याशी बनीं। 2023 में उन्हें नगर निगम चुनाव में महापौर पद का उम्मीदवार बनाया गया और 2024 में गोरखपुर संसदीय सीट से रवि किशन के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा, हालांकि अभी तक उन्हें चुनावी सफलता नहीं मिली है। राजनीति में आने से पहले वे टीवी और भोजपुरी फिल्मों का हिस्सा रहीं और लोकप्रिय धारावाहिक ‘लापतागंज’ में अपने किरदार से घर-घर पहचानी गईं। काजल ने साफ तौर पर कहा कि वे जनता की आवाज उठाती रहेंगी और भाजपा नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम का पर्दाफाश करती रहेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता अब सब समझती है और आने वाले वक्त में सत्ता को इसका हिसाब देना होगा।