गोरखपुर में ठंड की दस्तक के साथ ही हड्डी और जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। मंगलवार को जिला अस्पताल की ऑर्थो ओपीडी में सैकड़ों मरीज घंटों लाइन में खड़े दिखाई दिए। डॉक्टरों के अनुसार, अब रोजाना लगभग 350 से अधिक मरीज हड्डी और जोड़ों से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें से करीब 250 नए मरीज होते हैं। ठंड का असर सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं बल्कि युवाओं और महिलाओं में भी देखा जा रहा है। हड्डी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान गिरता है, रक्त संचार धीमा हो जाता है जिससे जोड़ों में जकड़न और दर्द की समस्या बढ़ जाती है। कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें पुराना गठिया या चोट का दर्द फिर से उभर आया है, वहीं कई लोग पहली बार जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों तक पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के आर्थो ओपीडी में तैनात डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि ठंडी हवा शरीर पर असर डालते ही पुराने दर्द को फिर से उभार देती है। ठंड शुरू होने के साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अगर सावधानी बरती जाए और कुछ घरेलू उपाय अपनाए जाएं तो इस दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
स्पाइन और मसल्स पेन के केसों में भी बढ़ोतरी, डॉक्टरों ने बताए कारण
डॉ. सिंह के मुताबिक इन दिनों ओपीडी में आने वाले करीब 100 मरीज स्पाइन संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे पीठ, गर्दन और कमर में दर्द बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि पुरुष और महिलाएं दोनों ही इस परेशानी का सामना कर रहे हैं, खासतौर पर वे लोग जो ऑफिस या घर के काम में घंटों एक ही मुद्रा में रहते हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि हर एक-दो घंटे में शरीर की स्थिति बदलें, हल्की स्ट्रेचिंग करें और ठंडी सतह पर बैठने से बचें। वहीं, बढ़ती उम्र के बच्चों में मसल्स पेन की समस्या भी देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते बच्चों में शारीरिक विकास के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव होता है, और ठंड का मौसम इस परेशानी को और बढ़ा देता है। ऐसे में बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है-विटामिन, कैल्शियम और प्रोटीन युक्त आहार से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि ठंड से बचने के लिए गरम कपड़े पहनें और बाहर की ठंडी हवा से शरीर की सुरक्षा करें ताकि दर्द कम हो सके।
गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत के उपाय, विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. सिंह ने बताया कि गठिया के मरीजों के लिए ठंड का मौसम सबसे चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने सलाह दी कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को घुटने मोड़कर नहीं बैठना चाहिए और टॉयलेट के लिए कमोर्ड का प्रयोग करना चाहिए ताकि जोड़ों पर दबाव न पड़े। शरीर को गर्म रखने के लिए पर्याप्त कपड़े पहनें और ठंडे स्थानों पर ज्यादा देर तक न रहें। डॉक्टर ने यह भी कहा कि मरीज अपने वजन को नियंत्रित रखें क्योंकि ज्यादा वजन से घुटनों पर दबाव बढ़ता है जिससे दर्द बढ़ सकता है। समय पर दवा लेना, नियमित एक्सरसाइज करना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बहुत जरूरी है। वहीं, साधारण लोगों में भी ठंड बढ़ते ही दर्द के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक मरीज संगीता ने बताया कि पहले उन्हें किसी प्रकार का दर्द नहीं था, लेकिन पिछले दो दिनों से कमर से लेकर पैरों तक तेज दर्द शुरू हो गया है। रितेश नामक युवक ने बताया कि उनकी मां की कोहनी में असहनीय दर्द हो रहा है, जो ठंड शुरू होने के साथ बढ़ा है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सामान्य है, क्योंकि ठंड के मौसम में मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और दर्द बढ़ जाता है। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे ठंड से बचाव के उपाय अपनाएं, संतुलित आहार लें, समय पर दवाएं खाएं और किसी भी असामान्य दर्द के मामले में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें ताकि समस्या बढ़ने से पहले उसका इलाज हो सके।




