गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – भारतीय रेलवे ने नेपाल सीमा तक ट्रेनों के संचालन की दिशा में बड़ा कदम पूरा कर लिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड रेलखंड पर आमान परिवर्तन का कार्य संपन्न हो गया है। लगभग 56 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर अब छोटी लाइन की जगह बड़ी रेल लाइन बिछा दी गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 18 और 19 सितंबर को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा निरीक्षण और स्पीड ट्रायल किया जाएगा। निरीक्षण में मंजूरी मिलने के बाद नेपालगंज रोड स्टेशन तक ट्रेनों का नियमित संचालन आरंभ हो जाएगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा बल्कि भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के लिए आवागमन और व्यापारिक गतिविधियां भी आसान होंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2024 में इस आमान परिवर्तन कार्य का शिलान्यास किया था।
तराई क्षेत्र को मिलेगा विकास का नया अवसर
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि आमान परिवर्तन पूरा होने के बाद तराई क्षेत्र देश के ब्रॉड गेज नेटवर्क से जुड़ जाएगा। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के लोगों को सीधे महानगरों तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी। स्थानीय किसानों और व्यापारियों को अपने कृषि उत्पाद व अन्य वस्तुएं बड़े शहरों तक आसानी से भेजने का अवसर मिलेगा। इससे तराई क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। ग्रामीणों का मानना है कि नई रेल सुविधा से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषकर भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में व्यापारिक सहयोग और आवाजाही सुगम होने से स्थानीय विकास पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे का बदलता स्वरूप और ऐतिहासिक महत्व
आमान परिवर्तन के बाद पूर्वोत्तर रेलवे की लगभग 4391 ट्रैक किलोमीटर लाइन छोटी से बड़ी हो चुकी है। अब केवल मैलानी-नानपारा के बीच 170 किलोमीटर छोटी लाइन शेष है, जिसे दुधवा वन क्षेत्र के कारण रेल मंत्रालय ने इको-टूरिज्म के लिए सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि वर्ष 1980 तक पूर्वोत्तर रेलवे को छोटी लाइन के लिए जाना जाता था। वर्ष 1981 में गोरखपुर से लखनऊ होते हुए छपरा तक 425 किलोमीटर लंबा रेलखंड पहली बार बड़ी लाइन में बदला गया था, जिसने रेलवे इतिहास में नया अध्याय जोड़ा। अब नेपालगंज रोड तक आमान परिवर्तन पूरा होने से रेलवे नेटवर्क आधुनिक रूप ले चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम सीमावर्ती जिलों के लिए ऐतिहासिक साबित होगा और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।




