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गोरखपुर चिड़ियाघर में सर्दी से वन्यजीवों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, बंदरों को कंबल और सांपों के लिए पुआल बिछाया गया

गोरखपुर में गिरते तापमान को देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों की देखभाल और सुरक्षा के लिए हीटर, ब्लोअर, कंबल और पुआल से किए खास इंतजाम

Winter arrangements for animals in Gorakhpur Zoo

गोरखपुर में तापमान लगातार गिरने लगा है और इसी के साथ महावीर वन्यजीव उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में भी सर्दी से जानवरों की सुरक्षा को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। प्रशासन ने इस बार ठंड के प्रभाव शुरू होने से पहले ही सभी जरूरी इंतजाम पूरे करने का लक्ष्य रखा है ताकि किसी भी पशु या पक्षी को ठिठुरन का सामना न करना पड़े। अधिकारियों के अनुसार, बीते वर्षों की तुलना में इस बार सर्दी का असर जल्दी शुरू हो गया है, इसलिए सभी बाड़ों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। खासकर सरीसृपों के लिए मोटी परत में पुआल बिछाई जा रही है, जिससे जमीन की ठंडक उनके शरीर पर असर न डाल सके। चिड़ियाघर प्रशासन के निर्देश पर यह व्यवस्था सभी साँपों, गोह, गिरगिट और अन्य रेंगने वाले जीवों के बाड़ों में की जा रही है। वहीं बंदरों और छोटे स्तनधारियों के लिए मोटे कपड़े, कंबल और तिरपाल के सहारे गर्म माहौल तैयार किया जा रहा है, ताकि वे ठंडी रातों में भी आराम से रह सकें।

पक्षियों और छोटे जीवों के लिए बनाए गए गर्म आश्रय

सिर्फ बड़े जानवर ही नहीं बल्कि छोटे जीव और पक्षी भी ठंड के प्रभाव से अछूते नहीं रहते। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पक्षियों के बाड़ों को अर्ध-बंद करने का निर्णय लिया है। कई जगहों पर पर्दे, बांस की चटाई और घास की अतिरिक्त परत डाली जा रही है ताकि ठंडी हवाएं सीधे अंदर न जा सकें। चिड़ियाघर के तकनीकी कर्मचारियों ने बताया कि जहां आवश्यकता होगी वहां गर्म पानी के बर्तन, तिरपाल और लकड़ी के छोटे आश्रय भी लगाए जाएंगे ताकि छोटे पक्षी और जीव गर्माहट महसूस कर सकें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि तापमान और नीचे जाने की स्थिति में सभी प्रमुख बाड़ों में हीटर और ब्लोअर लगाए जाएंगे। ये उपकरण इस प्रकार लगाए जाएंगे कि जानवरों को सीधी गर्मी न लगे बल्कि वातावरण में संतुलित तापमान बना रहे जिससे वे प्राकृतिक माहौल में सहज महसूस कर सकें।

सख्त निगरानी और चिकित्सकीय टीम की चौकसी

चिड़ियाघर प्रशासन ने सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे रोजाना हर बाड़े का निरीक्षण करें और जानवरों के व्यवहार में आने वाले बदलाव पर ध्यान दें। अगर किसी भी जीव में सुस्ती, ठिठुरन या खानपान में बदलाव के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल चिकित्सकीय टीम को सूचना दी जाए। पशु चिकित्सक टीम को 24 घंटे की निगरानी पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस वर्ष सभी आवश्यक संसाधन पहले से उपलब्ध कर लिए गए हैं। पुआल, कंबल, ब्लोअर और तिरपाल का पर्याप्त भंडारण किया गया है ताकि ठंड बढ़ने पर किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और हर परिस्थिति में उनके लिए सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा रहा है। चिड़ियाघर में इस समय दर्जनों प्रजातियों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी हैं, जिनमें से कई ठंड के प्रति संवेदनशील हैं। ऐसे में हर बाड़े की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वन्यजीवों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर नजर रखने के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपेगी। इसके अलावा, चिड़ियाघर आने वाले आगंतुकों से भी अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी जानवर को छेड़ने या खाना देने से बचें, ताकि प्राकृतिक वातावरण में जानवर शांत और सुरक्षित रह सकें। प्रशासन का दावा है कि इस बार की सर्दी में कोई भी जानवर ठंड से प्रभावित नहीं होगा और सभी जीवों को गर्माहट, सुरक्षा और उचित देखभाल मिलेगी।

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