गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करने की तैयारी चल रही है। यहां असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से मार्च 2022 में लाए गए दो सींग वाले गैंडे ‘हर’ और ‘गौरी’ अब 8 से 9 वर्ष के हो गए हैं। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, गैंडों की वयस्क अवस्था 10 साल की उम्र में होती है और अगले एक वर्ष में इनके प्रजनन की संभावना मजबूत है। यदि यह प्रयास सफल रहा तो गोरखपुर प्रदेश का पहला जू बन जाएगा जहां गैंडों का प्राकृतिक प्रजनन होगा।
गोरखपुर का अनुकूल वातावरण और विशेषज्ञों की निगरानी
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि गोरखपुर का वातावरण हर और गौरी दोनों को पूरी तरह रास आ गया है। दोनों गैंडों को एक साथ रखा गया है और उनका व्यवहार एक-दूसरे के साथ पूरी तरह सामंजस्यपूर्ण है। चिड़ियाघर प्रशासन विशेष आहार, चिकित्सकीय देखभाल और शांत वातावरण सुनिश्चित कर रहा है ताकि गैंडों को किसी प्रकार का तनाव न हो और प्रजनन की संभावना अधिक हो सके।
वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा
चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि यदि यह प्रयास सफल होता है तो यह न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी। गैंडों का प्रजनन वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा। इसके साथ ही यह कदम गोरखपुर प्राणी उद्यान में आने वाले पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों को और आकर्षित करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि गोरखपुर जू की यह पहल प्रदेश में जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा देगी।