गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में सोमवार सुबह एक नई मेहमान बाघिन पहुंची। यह 8 साल की टाइग्रेस सीतापुर के महोली तहसील के नरनी गांव से लाई गई है। चिड़ियाघर में उसके आगमन से उत्साह का माहौल है।
आइसोलेशन वार्ड में निगरानी
चिड़ियाघर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह के अनुसार बाघिन को फिलहाल आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। जंगल से सीधे आने के कारण उसका स्वभाव फिलहाल आक्रामक है। उसके खानपान, चाल-ढाल और व्यवहार की विशेषज्ञ टीम बारीकी से निगरानी कर रही है। जैसे ही उसका व्यवहार सामान्य होगा, उसे मुख्य बाड़े (क्रॉल) में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सुरक्षित स्थानांतरण और स्वास्थ्य जांच
वन विभाग की टीम ने शनिवार देर रात बाघिन को ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ा। इलसिया वन उद्यान में उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाई गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) अनुराधा वेमुरी से मंजूरी मिलने पर रविवार शाम उसे गोरखपुर भेजा गया। सोमवार सुबह वह सुरक्षित प्राणी उद्यान पहुंची।
पर्यटकों के लिए नया आकर्षण
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि जल्द ही बाघिन को दर्शकों के लिए मुख्य बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा। आने वाले समय में यह गोरखपुर आने वाले पर्यटकों और बच्चों के लिए बड़ा आकर्षण बनेगी।
संरक्षण और जागरूकता में योगदान
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बाघिन का आगमन गोरखपुर जू में वन्यजीव संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइसोलेशन, स्वास्थ्य रिपोर्ट और व्यवहारिक अध्ययन भविष्य में अन्य वन्यजीवों के सुरक्षित स्थानांतरण के लिए आदर्श मॉडल साबित हो सकता है।