गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर प्राणी उद्यान की छठवीं समिति बैठक में आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक लखनऊ स्थित बापू भवन में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण अनिल कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्राणी उद्यान निदेशक विकास यादव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी, नामित सदस्य अरविंद विक्रम चौधरी, वन निगम के प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह सहित विभिन्न विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल रहे। भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा आईवीआरआई बरेली के विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि गोरखपुर प्राणी उद्यान में दर्शकों की संख्या और आकर्षण को बढ़ाने के लिए गुजरात के जामनगर और वनतारा से जेब्रा, चिंपांजी, हुक्कू बंदर, लायन टेल्ड मकाक तथा विदेशी पक्षियों की प्रजातियां जैसे फ्लेमिंगो और मकाऊ को लाया जाएगा। समिति ने इन प्रस्तावों को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इसके साथ ही नए बाड़ों और संरचनाओं के निर्माण, रखरखाव तथा प्रजनन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और मजबूत करने पर भी सहमति बनी। यह कदम न केवल उद्यान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय और बाहरी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
कर्मचारियों के वेतन सुधार और वित्तीय प्रबंधन
बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं और उनकी वित्तीय स्थिति पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। समिति ने माना कि वर्तमान वेतन संरचना में सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि कम वेतन के कारण कर्मचारियों के लिए संचालन और दैनिक कार्य निष्पादन कठिन हो रहा है। इस पर सहमति बनी कि वेतन में वृद्धि कर उन्हें बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराया जाए। अरविंद विक्रम चौधरी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिस पर समिति ने सकारात्मक रुख दिखाया। इसके अतिरिक्त वन्यजीवों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए बाड़ों और संरचनाओं के निर्माण हेतु अतिरिक्त बजट भी स्वीकृत किया गया। बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा गोरखपुर प्राणी उद्यान के लिए 100 करोड़ रुपये का कार्पस फंड आवंटित किया गया था, जिसमें से अब तक केवल 25 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं। समिति ने शेष राशि शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये की राशि वन निगम से प्राप्त करने के निर्देश प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह को दिए गए। इस वित्तीय प्रबंधन से उम्मीद है कि प्राणी उद्यान का बुनियादी ढांचा और बेहतर होगा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
सुविधाओं और पर्यटन विकास की योजनाएं
बैठक में यह भी तय किया गया कि गोरखपुर प्राणी उद्यान को केवल वन्यजीव संरक्षण का केंद्र ही नहीं, बल्कि पर्यटन आकर्षण का प्रमुख स्थल भी बनाया जाएगा। इसके लिए कैफेटेरिया, 7D थिएटर और पार्किंग की सुविधाओं को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु पर्यटन विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा हाथियों और गैंडों के प्रजनन के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने पर जोर दिया गया। इन सुधारों से न केवल पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाया जा सकेगा बल्कि चिड़ियाघर की आय में भी बढ़ोतरी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी जीवों का आगमन और नई तकनीक आधारित सुविधाएं गोरखपुर प्राणी उद्यान को उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने में मदद करेंगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आगामी वर्ष में उद्यान को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए व्यापक योजनाओं पर तेजी से अमल किया जाएगा, ताकि यह चिड़ियाघर प्रदेश के सबसे उन्नत प्राणी उद्यानों में शुमार हो सके।