गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने श्रद्धालुओं की मांग और सत्यसाईं के शताब्दी समारोह को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। गोरखपुर से दक्षिण भारत की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए अब सीधे प्रशांति निलयम तक पहुंचना आसान होगा। रेलवे ने बताया कि 15024/15023 यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस का दो मिनट का अस्थायी ठहराव श्री सत्यसाईं प्रशांति निलयम स्टेशन पर दिया गया है। इसके अनुसार 15024 यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस 13 नवम्बर से 27 नवम्बर 2025 तक रात 01:28 बजे प्रशांति निलयम पहुंचेगी और 01:30 बजे प्रस्थान करेगी। वहीं 15023 गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस 18 नवम्बर से 25 नवम्बर 2025 तक सुबह 05:48 बजे रुकेगी और 05:50 बजे रवाना होगी। इस अवधि में ट्रेनें पनुकोन्डा-सत्यसाईं प्रशांति निलयम-धर्मवरम मार्ग तथा धर्मवरम-सत्यसाईं प्रशांति निलयम-पनुकोन्डा मार्ग से होकर गुजरेंगी।
श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए लाभ
गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश से हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुट्टपर्थी स्थित सत्यसाईं की तपोभूमि में दर्शन के लिए जाते हैं। अब तक उन्हें या तो अन्य ट्रेन पकड़नी पड़ती थी या फिर सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों की अतिरिक्त खपत होती थी। लेकिन इस विशेष ठहराव से यात्रियों को सीधी ट्रेन सुविधा मिलेगी। इससे न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम होगी, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को भी सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा। रेलवे प्रशासन का मानना है कि शताब्दी समारोह में शामिल होने वाले यात्रियों की संख्या को देखते हुए यह ठहराव एक सार्थक पहल साबित होगा और उत्तर भारत से दक्षिण भारत की ओर धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
रेलवे प्रशासन का दृष्टिकोण और भविष्य की संभावनाएँ
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अस्थायी ठहराव का उद्देश्य यात्रियों की मांग पूरी करना और उन्हें सुविधाजनक परिवहन विकल्प देना है। यदि भविष्य में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती रही तो इस ठहराव को स्थायी बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही रेलवे ने यह भी आशा जताई कि इस निर्णय से गोरखपुर और आसपास के जिलों से दक्षिण भारत की यात्रा करने वाले लोगों का रुझान और बढ़ेगा। यह पहल श्रद्धालुओं को सीधे गंतव्य तक पहुंचाने में सहायक होगी और शताब्दी समारोह की भव्यता में भी चार चाँद लगाएगी। स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन से जुड़े लोगों को भी उम्मीद है कि इस निर्णय से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।