गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर नगर निगम ने शहर में लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या को हल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 15वें वित्त आयोग की धनराशि से 5.51 करोड़ रुपये की लागत वाली जल आपूर्ति परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के परियोजना प्रबंधक कार्यालय ने कार्यादेश भी जारी कर दिया है। इस परियोजना के तहत नगर निगम क्षेत्र के 15 वार्डों में छह बड़े गहरे नलकूप और नौ मिनी नलकूप स्थापित किए जाएंगे। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल वर्तमान में व्याप्त पेयजल संकट दूर होगा बल्कि आने वाले समय में भी स्थायी समाधान मिलेगा। परियोजना के पूरा होने के बाद संबंधित वार्डों में स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
नलकूपों की स्थापना और लागत का ब्योरा
जल निगम की निर्माण इकाई जल्द ही निर्धारित मानकों और तकनीकी मानदंडों के अनुरूप नलकूपों का निर्माण कार्य शुरू करेगी। योजना के अंतर्गत छह बड़े नलकूप वार्ड संख्या 14, 28, 52, 61 और 80 में स्थापित किए जाएंगे। इन पर कुल 2.92 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं नौ मिनी नलकूप वार्ड संख्या 15, 18, 35, 47, 59, 74, 76 और 77 में लगाए जाएंगे, जिन पर 2.56 करोड़ रुपये की लागत आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े नलकूप अधिक गहराई से जल निकासी करेंगे, जिससे ज्यादा आबादी को पानी की सुविधा मिलेगी, जबकि मिनी नलकूप स्थानीय स्तर पर छोटे इलाकों की जरूरतें पूरी करेंगे। इससे पूरे इलाके में जल आपूर्ति का संतुलन बेहतर ढंग से कायम रहेगा और गर्मी के मौसम में होने वाली पानी की किल्लत भी काफी हद तक कम हो जाएगी।
स्थानीय निवासियों को राहत की उम्मीद
परियोजना पूरी होने के बाद जिन 15 वार्डों में नलकूप लगाए जाएंगे वहां के लोगों को शुद्ध और पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। नगर निगम का मानना है कि यह परियोजना न केवल वर्तमान पेयजल संकट का समाधान करेगी बल्कि भविष्य में भी स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक उन्हें पानी की कमी से जूझना पड़ता था, लेकिन इस परियोजना से उनकी परेशानी कम होगी। खासकर गर्मी और त्योहारों के समय जब पानी की मांग बढ़ जाती है, तब इस योजना का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। अधिकारियों ने भी आश्वस्त किया है कि काम को समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। यह परियोजना गोरखपुर शहर की बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।