गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के गीडा थाना क्षेत्र में उस समय हालात बेकाबू हो गए जब जवाहर चक गांव के 40 वर्षीय हनुमान चौहान की मौत के बाद मंगलवार को ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। हनुमान की मौत के बाद परिजन सुबह से ही आक्रोश में थे। पहले उन्होंने शव को खाट पर रखकर नौसड़ तिराहे के पास चार घंटे तक सड़क जाम रखी। परिजनों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही के कारण हनुमान की जान गई। दिनभर की गर्मी और गुस्से से भरे माहौल में जब शाम को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव लाया गया, तो भीड़ एक बार फिर भड़क उठी। गुस्साए ग्रामीणों ने सांसद को मौके पर बुलाने की मांग की और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
स्थिति संभालने पहुंचे पुलिस बल को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इसी दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले में कई वाहनों के शीशे टूट गए और वज्र वाहन में फंसे पुलिसकर्मी घायल हो गए। महिला पुलिसकर्मी को सिर में चोट लगने से खून बहने लगा जबकि अन्य छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। अफरातफरी के बीच भीड़ ने एक पुलिस ट्रक को घेर लिया। ट्रक में मौजूद जवान अंदर से दरवाजा बंद कर बचाव में जुटे रहे, जबकि चालक गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश करता रहा पर असफल रहा। हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई, लेकिन पुलिस ने देर रात तक स्थिति पर नियंत्रण पा लिया।
पथराव और हिंसा के बाद 55 लोगों पर FIR, चार गिरफ्तार
घटना के बाद गीडा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नौसड़ चौकी प्रभारी की तहरीर पर पांच नामजद और पचास अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बुधवार को पुलिस ने जांच के दौरान बांसगांव इलाके के चार आरोपियों – अंगद, सोमनाथ, विकास और बुगानी देवी – को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अधिकारियों के अनुसार अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने मृतक के परिजनों को उकसाकर भीड़ को हिंसक बनाया। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि शाम को हुआ पथराव योजनाबद्ध तरीके से कराया गया था।
पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और फोटो के आधार पर भीड़ में शामिल लोगों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। इस घटना के बाद पूरे नौसड़ इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और संवेदनशील बिंदुओं पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस बीच घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा, लेकिन कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
विवाद की जड़ और परिवार की मांगें, जांच में जुटी पुलिस
घटना की पृष्ठभूमि 4 अक्टूबर से जुड़ी है जब हनुमान चौहान का गांव में दुर्गा पूजा के पंडाल लगाने को लेकर विवाद हो गया था। इसी दौरान कथित तौर पर रोशन चौहान और उसके साथियों ने हनुमान पर हमला कर दिया था, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। परिजन पहले जिला अस्पताल, फिर मेडिकल कॉलेज और अंत में लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां 16 दिन इलाज के बाद 20 अक्टूबर को हनुमान की मौत हो गई। दिवाली के दिन हुई इस मौत से परिवार टूट गया। पत्नी लक्ष्मीना चौहान ने गीडा थाने में FIR दर्ज कराते हुए मुख्य आरोपी रोशन चौहान को फांसी देने की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण उनके पति की जान चली गई। परिवार ने आर्थिक सहायता और बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की समय पर कार्रवाई से हिंसा टल सकती थी।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। नौसड़ और जवाहर चक गांव में कई थानों की पुलिस फोर्स रातभर तैनात रही ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। बुधवार को प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार परिजनों की मौजूदगी में राजघाट में कराया। मौके पर जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। फिलहाल पुलिस वीडियो फुटेज और बयान के आधार पर जांच कर रही है। उधर, सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिस पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों पर भी नजर रखी है ताकि स्थिति दोबारा न बिगड़े।




