गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में लगातार बढ़ती ट्रैफिक समस्या और जाम से राहत दिलाने के लिए यातायात पुलिस ने एक और अहम कदम उठाया है। सोमवार से विजय चौक से गणेश चौक तक वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक तीन पहिया और चार पहिया वाहन विजय चौक से गणेश चौक की ओर नहीं आ सकेंगे। यानी इस रूट पर केवल एक दिशा से वाहनों का संचालन होगा। यातायात विभाग का मानना है कि इस प्रयोग से सड़क पर वाहन दबाव घटेगा और भीड़भाड़ में कमी आएगी। इससे पहले भी फिराक गोरखपुरी चौक से बेतियाहाता तक वन-वे व्यवस्था लागू की गई थी और यह काफी प्रभावी साबित हुई थी। अब इस नए ट्रायल से शहर में ट्रैफिक जाम के हालात पर नजर रखी जाएगी।
एसपी ट्रैफिक ने बताई योजना और फायदे
दैनिक भास्कर से बातचीत में एसपी ट्रैफिक संजय कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था एडीजी के निर्देश पर शुरू की गई है और इसे फिलहाल ट्रायल के तौर पर लागू किया गया है। कुछ दिनों तक ट्रैफिक फ्लो का निरीक्षण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव किए जाएंगे। यदि परिणाम संतोषजनक रहे तो इसे स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरवासियों को इससे काफी हद तक जाम से राहत मिलेगी। एसपी ट्रैफिक ने गोरखनाथ और धर्मशाला फ्लाईओवर पर लगने वाले जाम की समस्या पर भी जवाब दिया। उनके मुताबिक गोरखनाथ पुल पर निर्माण कार्य चलने के कारण नीचे का रास्ता बंद है जिससे पुराने पुल पर दबाव बढ़ जाता है। काम पूरा होते ही वहां की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।
बस स्टेशनों का शिफ्ट और अन्य ट्रैफिक सुधार
संजय कुमार ने बताया कि नगर निगम के सहयोग से शहर के बस स्टेशनों को बाहर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। ऐसा हो जाने पर शहर में 50% तक जाम कम होने की संभावना है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी चौराहे से छात्रसंघ चौराहे तक फिलहाल डायवर्जन लागू है क्योंकि यहां नाले का निर्माण चल रहा है। निर्माण कार्य पूरा होते ही रूट को फिर से खोल दिया जाएगा। यातायात विभाग का मानना है कि फ्लाईओवर के निर्माण और बस स्टैंड शिफ्ट होने के बाद गोरखपुर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। इस पहल से न केवल शहरवासियों को राहत मिलेगी बल्कि आपातकालीन सेवाओं और व्यावसायिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि वे इस नए ट्रायल में सहयोग करें ताकि व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा सके।