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Gorakhpur News : गोरखपुर में जलभराव से राहत की तैयारी, गुलरिया और रानीडीहा में बनेगा नया आरसीसी ड्रेन

Gorakhpur news in hindi : शहर के प्रमुख इलाकों में नई ड्रेनेज परियोजनाएं, नगर आयुक्त ने विभागों को आपसी समन्वय से योजना तैयार करने के निर्देश दिए


Gorakhpur Municipal Commissioner meeting on new drainage projects | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में हर बरसात के मौसम में होने वाले जलभराव से लोगों को अब जल्द ही स्थायी राहत मिलने की उम्मीद है। नगर निगम ने शहरी बाढ़ प्रबंधन और स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज प्रणाली को मजबूत करने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। गुरुवार को नगर आयुक्त की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में शहर के विभिन्न विभागों-गोरखपुर विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश जल निगम, लोक निर्माण विभाग, सी एंड डी एस यूनिट 14, 19, 42 और नगर निगम-के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर में लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालना था। नगर आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि शहर की आबादी में लगातार हो रही वृद्धि और बदलते भौगोलिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए ड्रेनेज डिजाइन तैयार किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नालों की क्षमता और उनके सेक्शन इस तरह बनाए जाएं कि भविष्य में बढ़ते वर्षा जल को भी बिना रुकावट निकासी मिल सके। नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि किसी भी नए प्रोजेक्ट में तकनीकी दृष्टिकोण और व्यवहारिक समाधान को प्राथमिकता दी जाए ताकि अगले कई वर्षों तक जलभराव जैसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।

नई आरसीसी ड्रेनेज परियोजनाओं से जुड़े प्रस्ताव और तकनीकी मूल्यांकन

बैठक के दौरान सी एंड डी एस यूनिट 42 और 14 की टीमों ने अलग-अलग प्रस्तावों का प्रस्तुतीकरण किया। यूनिट 42 की ओर से गुलहरिया थाना से चिलुआताल तक नई आरसीसी ड्रेन के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया गया, जबकि यूनिट 14 ने रानीडीहा से सिक्टौर चौराहा तक ड्रेनेज लाइन की विस्तृत जानकारी दी। दोनों परियोजनाओं को शहर की बाढ़ निकासी प्रणाली के प्रमुख हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिससे इन इलाकों में हर वर्ष होने वाले जलभराव की समस्या समाप्त हो सकेगी। नगर आयुक्त ने सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के निर्देश दिए और यह भी कहा कि योजना का निरीक्षण UFMC (Urban Flood Management Cell) टीम से कराया जाए ताकि उनके तकनीकी सुझावों को भी योजना में शामिल किया जा सके। उन्होंने परियोजना से संबंधित नियंत्रण कक्ष को भी तकनीकी रूप से मजबूत करने की आवश्यकता जताई ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित जानकारी और कार्रवाई संभव हो सके। नगर निगम के अभियंता को निर्देश दिए गए कि परियोजना क्षेत्र के आसपास के मोहल्लों में स्थित शाखा नालों और नालियों के लेवल का विस्तृत सर्वे किया जाए। यदि कहीं गैप या असंतुलन हो तो उसके लिए अलग से एस्टीमेट तैयार कर कार्ययोजना में सम्मिलित किया जाए। नगर आयुक्त ने कहा कि योजनाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रभावी होनी चाहिए ताकि नागरिकों को वास्तविक राहत मिल सके।

सभी विभागों के समन्वय से बनेगी व्यापक ड्रेनेज मास्टर प्लान

गोरखपुर विकास प्राधिकरण को राप्ती स्पोर्ट्स सिटी की ड्रेनेज योजना के कैलकुलेशन को मुख्य मास्टर प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पूरे शहर का एकीकृत ड्रेनेज नेटवर्क तैयार किया जा सके। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि किसी क्षेत्र की निकासी दूसरे इलाके में जलभराव का कारण न बने। नगर आयुक्त ने कहा कि सभी विभाग मिलकर समन्वय से काम करें और अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से निभाएं। उन्होंने यह भी बताया कि इस विषय पर जल्द ही मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों को अपने सुझाव और इनपुट प्रस्तुत करने होंगे। अधिकारियों से कहा गया कि परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज, नक्शे, और तकनीकी विवरण समय पर उपलब्ध कराए जाएं ताकि कार्य आरंभ करने में देरी न हो। इस दौरान नगर आयुक्त ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में शहर के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की आधुनिक ड्रेनेज परियोजनाओं की योजना बनाई जाएगी, जिससे पूरे शहर में जल निकासी प्रणाली को वैज्ञानिक तरीके से सशक्त किया जा सके। बैठक का निष्कर्ष यह रहा कि गोरखपुर प्रशासन अब जलभराव को अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी रूप से खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। यदि ये योजनाएं तय समय पर पूरी होती हैं तो आने वाले मानसून में गोरखपुरवासियों को जलभराव की पुरानी समस्या से बड़ी राहत मिल सकती है। नगर निगम और अन्य विभागों के संयुक्त प्रयासों से शहर में एक नया शहरी विकास मॉडल आकार ले रहा है, जो आने वाले वर्षों में अन्य नगर निगमों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

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