गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग (IET) के छात्रों ने बुनियादी शैक्षणिक सुविधाओं की कमी को लेकर शनिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। छात्र कुलपति से अपनी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के चलते मुलाकात संभव नहीं हो सकी। कुलपति के इंतजार में छात्र विश्वविद्यालय परिसर में बैठे रहे और बाद में पुस्तक महोत्सव स्थल पर पहुंचकर अपनी समस्याओं को शांतिपूर्वक सामने रखा। छात्रों का कहना था कि वे कई महीनों से विभाग की खामियों और अधूरी परियोजनाओं की शिकायत कर रहे हैं, पर अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विशेष रूप से मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रयोगशाला डेढ़ साल से अधूरी पड़ी है। निर्माण कार्य की शुरुआत तो हुई थी, लेकिन लंबे समय से वह रुक गया है। यही नहीं, कंप्यूटर साइंस, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स शाखाओं में भी पर्याप्त प्रयोगशाला सुविधाएं नहीं हैं। कुछ विभागों में प्रोजेक्टर और स्मार्ट बोर्ड जैसी बुनियादी शिक्षण सामग्री तक उपलब्ध नहीं है, जिससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। छात्रों का आरोप है कि फीस हर साल बढ़ाई जाती है, लेकिन उसके बदले किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलती। वहीं, वॉशरूम और पीने के पानी जैसी बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं, जिससे विद्यार्थी परेशान हैं।
छात्रों ने रखी मांगें, कहा-सुविधा नहीं तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे
IET विभाग के छात्रों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब कॉलेज प्रबंधन फीस के रूप में भारी रकम वसूलता है, तो छात्रों को भी उच्चस्तरीय शिक्षण वातावरण मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ विषयों में अध्यापक नियुक्त नहीं हैं, जिसके चलते नियमित कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। कई बार छात्रों को स्थायी कक्षा न मिलने के कारण अलग-अलग भवनों में भटकना पड़ता है। विकास यादव और वैभव पाठक समेत अन्य छात्र प्रतिनिधियों ने बताया कि इस स्थिति में नई इलेक्ट्रिकल और सिविल शाखाएं शुरू करने की योजना चिंता का कारण बन रही है, क्योंकि वर्तमान विभागों की स्थिति ही असंतोषजनक है। छात्रों ने यह भी कहा कि पहले भी वे कुलपति को ज्ञापन सौंप चुके हैं, जिसमें प्रयोगशाला निर्माण और अन्य सुविधाओं को 90 दिनों के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, परंतु समय सीमा समाप्त होने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। हर बार केवल नए आश्वासन मिलते हैं, जबकि ग्राउंड पर वास्तविक बदलाव नहीं दिखता। छात्रों का कहना है कि उनका उद्देश्य विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध नहीं, बल्कि शिक्षण स्तर में सुधार की दिशा में ध्यान आकर्षित करना है ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिल सके।
प्रशासन ने दिया आश्वासन, 7 दिनों में मिलेंगी बुनियादी सुविधाएं
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। मुख्य प्रॉक्टर टी.एन. मिश्रा और IET के प्रोफेसर इंचार्ज एस.एन. तिवारी ने छात्रों से मुलाकात कर उनका ज्ञापन प्राप्त किया और सभी मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने बताया कि अगले सात दिनों में सभी विभागों में स्मार्ट बोर्ड और अन्य आवश्यक शिक्षण उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही अगले महीने से मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रयोगशाला का अधूरा निर्माण कार्य दोबारा शुरू किया जाएगा। अधिकारियों ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाएगा और विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल बेहतर बनाया जाएगा। छात्रों ने भी प्रशासन की बात पर भरोसा जताया और स्पष्ट किया कि उनका यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ अपने हक की बात कर रहे हैं और चाहते हैं कि गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रदेश के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हो। छात्रों की इस पहल से विश्वविद्यालय प्रशासन को अब अपने अधूरे प्रोजेक्ट्स और संसाधनों की कमी पर गंभीर कदम उठाने का अवसर मिला है। अगर अगले कुछ हफ्तों में वादे पूरे होते हैं, तो यह प्रदर्शन आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय के शिक्षा स्तर को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।




