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Gorakhpur News: गोरखपुर यूनिवर्सिटी कर्मचारी घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई, कॉलेज मान्यता और नियुक्ति के नाम पर मांगे थे 50 हजार रुपए

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गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कर्मचारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि कर्मचारी ने महाविद्यालय की मान्यता और सह आचार्य की नियुक्ति कराने के लिए 50 हजार रुपए की घूस मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद टीम ने पूरी योजना बनाकर ट्रैप किया और कर्मचारी को पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान यूनिवर्सिटी के संबद्धता अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक बृजनाथ सिंह (55) के रूप में हुई है। वह लंबे समय से यूनिवर्सिटी प्रशासनिक भवन में तैनात थे और आरोप है कि कॉलेजों से संबद्धता और नियुक्तियों के काम के नाम पर अवैध वसूली करते थे। गुरुवार दोपहर लगभग 3 बजे एंटी करप्शन टीम ने उन्हें घूस की रकम लेते हुए धर दबोचा।

शिकायत से गिरफ्तारी तक की पूरी कहानी

एंटी करप्शन टीम की यह कार्रवाई कुशीनगर जिले से आई एक शिकायत के आधार पर हुई। कुशीनगर के तमकुहीराज थाना क्षेत्र के भरपटिया गांव निवासी संदीप कुशवाहा ने बृजनाथ सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बृजनाथ सिंह ने रामपुर राजा स्थित वैष्णवी महिला महाविद्यालय की मान्यता और सह आचार्य की नियुक्ति का अनुमोदन कराने के बदले उनसे 50 हजार रुपए की मांग की थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने जांच शुरू की और उसके बाद ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई। तयशुदा समय पर जैसे ही बृजनाथ सिंह ने रुपए लिए, टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने तुरंत उन्हें हिरासत में लेकर कैंट थाने पहुंचाया, जहां उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार बृजनाथ सिंह गोरखपुर के तारामंडल क्षेत्र स्थित सिद्धार्थ इन्क्लेव में अपने परिवार के साथ रहते हैं। एंटी करप्शन टीम ने उन्हें पकड़ने के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया और कैंट थाने में घूसखोरी की धाराओं में केस दर्ज कराया। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो आरोपी को कड़ी सजा मिल सकती है। इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन और संबद्ध कॉलेजों में हड़कंप मच गया है। कई लोग यह मान रहे हैं कि कॉलेज संबद्धता और नियुक्तियों से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार लंबे समय से चला आ रहा था, जिस पर अब शिकंजा कसना शुरू हुआ है। एंटी करप्शन विभाग ने संकेत दिया है कि ऐसे मामलों में आगे और भी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और यह जांच की जा रही है कि कहीं इसमें और लोग भी शामिल तो नहीं हैं।

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