गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर यूनिवर्सिटी और सेंट एंड्रयूज कॉलेज में शैक्षणिक अभिलेखों में टेंपरिंग का मामला सामने आया है। बेसिक शिक्षा विभाग की बर्खास्त शिक्षिका प्रीति जायसवाल और दोनों संस्थानों के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई है। जांच में पाया गया कि बीए और बीएड के अंकपत्रों में संशोधन कर छात्रा के अंक बढ़ाए गए थे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. कुलदीप सिंह ने कैंट पुलिस को तहरीर देकर बताया कि कुलपति के आदेश पर गठित जांच समिति ने प्रीति जायसवाल के बीए (1998-2000) और बीएड (2001) के रिकॉर्ड की जांच की थी। इसमें सेंट एंड्रयूज कॉलेज केंद्र से प्राप्त अंक विश्वविद्यालय के गोपनीय रिकॉर्ड से अलग पाए गए।
अंकपत्रों में भारी अंतर और गड़बड़ी
जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि मनोविज्ञान विषय में विश्वविद्यालय रिकॉर्ड के क्रमशः 41, 06, 47 और 26 अंक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए अंकपत्र में 62, 51, 57 और 34 अंक दिखाए गए। राजनीति शास्त्र में भी समान रूप से अंतर था। इसके अलावा बीए भाग एक (1998) की सारणीकरण पंजिका का एक पृष्ठ गायब मिला, बीए भाग दो (1999) में अंकों से छेड़छाड़ और बीए भाग तीन (2000) में पृष्ठ बदलने की स्थिति पाई गई। समिति ने यह अंकपत्र पूरी तरह फर्जी और कूटरचित बताया।
विभागीय और न्यायिक कार्रवाई
जांच समिति ने विश्वविद्यालय और कॉलेज दोनों स्तरों पर अलग-अलग विभागीय जांच कराने की सिफारिश की। मामले को हाईकोर्ट में सूचीबद्ध किया गया है, जहां कुलसचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वे जालसाजी के संबंध में की गई कार्रवाई का व्यक्तिगत हलफनामा पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर 2025 को होगी। कैंट थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर जांच की जा रही है और एसटीएफ से भी जांच कराने की मांग की गई है। इस खुलासे के बाद विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन ने शैक्षणिक रिकॉर्ड की सुरक्षा और सत्यापन को लेकर कड़े कदम उठाने की घोषणा की है।




