राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (NIRF) 2025 में गोरखपुर का नाम रोशन करते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) ने एक बार फिर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। लगातार दूसरे वर्ष टॉप-100 में जगह बनाने वाले इस विश्वविद्यालय ने इस बार पांच अलग-अलग श्रेणियों में स्थान पाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। खास बात यह है कि पहली बार समग्र केटेगरी में MMMUT ने 99वां स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा इंजीनियरिंग श्रेणी में 60वां, विश्वविद्यालय श्रेणी में 68वां, राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में 23वां और प्रबंधन श्रेणी में पहली बार शामिल होकर 83वां स्थान प्राप्त किया। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय को केवल तीन श्रेणियों में जगह मिली थी—इंजीनियरिंग 84वां, विश्वविद्यालय 94वां और राज्य विश्वविद्यालय 40वां स्थान। इस बार विश्वविद्यालय ने न केवल अपनी पिछली उपलब्धियों में सुधार किया बल्कि दो नई श्रेणियों में भी प्रवेश कर यह साबित कर दिया कि संस्थान गुणवत्ता शिक्षा और शोध में निरंतर प्रगति कर रहा है। कुलपति ने इस सफलता का श्रेय संकाय, छात्रों और कर्मचारियों की सामूहिक मेहनत को देते हुए कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत पहचान बनाएगा।
DDU गोरखपुर विश्वविद्यालय की पहली सफलता
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) ने भी इस बार पहली बार NIRF रैंकिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। विश्वविद्यालय ने राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में टॉप-100 में स्थान प्राप्त किया और साथ ही विश्वविद्यालय श्रेणी में 151-200 के वर्ग में भी जगह बनाई। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस सफलता को विश्वविद्यालय परिवार के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि संस्थान शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत है और आने वाले समय में और बेहतर परिणाम देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस उपलब्धि को छात्रों के परिश्रम, शिक्षकों की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक सहयोग का नतीजा बताया। यह पहली बार है जब DDU ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी रैंकिंग सूची में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे संस्थान की साख और प्रतिष्ठा को नया आयाम मिला है।
गोरखपुर के शैक्षणिक परिदृश्य पर प्रभाव और भविष्य की दिशा
MMMUT और DDU की इस उपलब्धि ने गोरखपुर के शैक्षणिक परिदृश्य को नई पहचान दी है। लंबे समय तक देश के बड़े शैक्षणिक शहरों की सूची से दूर रहे गोरखपुर ने अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस उपलब्धि से न केवल इन विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि गोरखपुर क्षेत्र में शिक्षा, शोध और नवाचार के नए द्वार भी खुलेंगे। यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है। भविष्य में दोनों विश्वविद्यालयों का लक्ष्य होगा कि वे अनुसंधान, स्टार्टअप्स और रोजगार सृजन के क्षेत्र में और अधिक योगदान करें तथा देश के शीर्ष संस्थानों की श्रेणी में शामिल हो सकें। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की उपलब्धियाँ छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाती हैं और उन्हें राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती हैं। गोरखपुर का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा देने वाला साबित होगा।