गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर की पारंपरिक टेराकोटा कला ने हाल ही में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS 2025) में अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में प्रसिद्ध कलाकार कृति कल्याणी की हस्तनिर्मित मूर्तियों और सजावटी वस्तुओं ने देश और विदेश के आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। उनकी कृतियों की बारीकी, डिज़ाइन और पारंपरिक कला का अनोखा मेल विदेशी प्रतिनिधियों सहित सभी कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर गया। प्रदर्शनी में अब तक 12 हजार से अधिक टेराकोटा मूर्तियां बिक चुकी हैं, जो इस कला की बढ़ती लोकप्रियता और वैश्विक मांग का प्रमाण है। कृति ने बताया कि उनके काम की सराहना केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की गई।
दीपक, गहने और महिला सशक्तिकरण
कृति कल्याणी केवल मूर्तियों तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने दीपक, रंग-बिरंगे गहने और अन्य सजावटी सामान भी तैयार करना शुरू किया है। उनके प्रयासों से लगभग 97 महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। कृति का कार्यप्रणाली अनोखी है—जिन्हें ऑर्डर मिलते हैं, वे मूर्तियों को तैयार कर टीम की महिलाओं के घर तक पहुंचाती हैं। महिलाएं इन्हें रंग और पेंटिंग से सजाकर अंतिम रूप देती हैं। इस प्रक्रिया से महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिलता है और वे अपनी कला के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं।
सरकारी पहल और महिला कलाकारों की नई पहचान
इस ट्रेड शो में धागे की ज्वेलरी बनाने वाली वंदना ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया, जहां उनके 100 से अधिक ज्वेलरी आइटम बिक चुके हैं। सरकार की ओर से पारंपरिक कलाओं को वैश्विक मंच पर ले जाने के प्रयासों से महिला कलाकारों को नए अवसर और आत्मनिर्भरता का रास्ता मिला है। गोरखपुर की पारंपरिक कला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जा रही है, जिससे स्थानीय कलाकारों को न केवल आर्थिक सुरक्षा मिल रही है बल्कि अपनी कला को नई पहचान देने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है।