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Gorakhpur News : गांव-गांव तक पहुंचेगा स्वदेशी मेला का संदेश, ग्राम प्रधान, आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगे प्रचार-प्रसार

Gorakhpur news in hindi : गोरखपुर में चल रहे स्वदेशी मेला को लेकर प्रशासन की बड़ी पहल, विभागीय कार्यक्रमों के जरिए लोगों को आत्मनिर्भर भारत की ओर प्रेरित किया जाएगा

Swadeshi Mela promotion in Gorakhpur by ASHA and Anganwadi workers | Gorakhpur News

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर में आयोजित स्वदेशी मेला अब केवल शहर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसकी गूंज गांव-गांव तक सुनाई देगी। प्रशासन ने इस वर्ष मेले को जनसंपर्क के एक बड़े अभियान के रूप में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वदेशी उत्पादों का महत्व और उपयोगिता स्पष्ट रूप से पहुंच सके। इस उद्देश्य से विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनके कर्मचारी और प्रतिनिधि गांवों का भ्रमण कर लोगों को मेले की जानकारी देंगे। बताया जा रहा है कि प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगा और इनमें स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ कार्यरत लोग भाग लेंगे। खासतौर पर पंचायती राज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और नगर निगम को इस कार्य में अग्रणी भूमिका सौंपी गई है। विभागीय टीमें मेले का भ्रमण कर वहां प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी हासिल करेंगी और फिर गांवों में जाकर लोगों को आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी उत्पादों के महत्व के बारे में जागरूक करेंगी। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का मकसद ग्रामीण समाज में स्वदेशी उत्पादों के प्रति रुचि बढ़ाना और स्थानीय कारीगरों के कार्यों को आर्थिक समर्थन देना है ताकि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके।

ग्राम प्रधान, आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निभाएंगे अहम भूमिका

स्वदेशी मेला के इस जागरूकता अभियान में ग्राम प्रधानों, आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से शामिल किया गया है। पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम प्रधानों को बुलाया जा रहा है, जिन्हें मेला परिसर में आत्मनिर्भर पंचायतें विषय पर संगोष्ठी में शामिल होना होगा। तीन घंटे चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान प्रधान मेले में प्रदर्शित स्वदेशी उत्पादों की जानकारी प्राप्त करेंगे और फिर गांव लौटकर लोगों को इनके उपयोग के लिए प्रेरित करेंगे। इसी तरह, जिला प्रोबेशन अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में आशा बहुओं को भी मेले में बुलाया जा रहा है। आशा बहुएं गांव स्तर पर महिलाओं के बीच सक्रिय रहती हैं और स्वास्थ्य व सामाजिक अभियानों में उनकी मजबूत पहुंच होती है। वे स्वदेशी उत्पादों की जानकारी गांव की महिलाओं तक पहुंचाकर उन्हें स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करेंगी। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जो पहले से ही पोषण अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, अब इस पहल को भी आगे बढ़ाएंगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी के सहयोग से उन्हें मेला परिसर में बुलाया जाएगा जहां वे स्वदेशी उत्पादों की विविधता, गुणवत्ता और उपयोगिता को समझेंगी और फिर अपने कार्यक्षेत्र में इस संदेश को आमजन तक पहुंचाएंगी। यह प्रयास इस बात को सुनिश्चित करेगा कि जो लोग मेला देखने नहीं आ पा रहे हैं, वे भी स्वदेशी वस्तुओं की अहमियत को समझें और विशेष रूप से दीपावली जैसे अवसरों पर स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्राथमिकता दें।

नगर निगम और उद्योग विभाग की सक्रियता से बढ़ेगी जागरूकता

स्वदेशी मेला को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए नगर निगम और उपायुक्त उद्योग की ओर से भी विशेष कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है। इन विभागों का लक्ष्य बड़ी संख्या में लोगों को इस आयोजन से जोड़ना और स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मेले न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देते हैं बल्कि छोटे कारीगरों और हस्तशिल्पियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा की गई अपील – “इस दीपावली पर जो भी उपहार खरीदें, वह देसी हो” – को भी इस अभियान का केंद्रीय संदेश बनाया गया है। इसके तहत आमजन से अपेक्षा की जा रही है कि वे विदेशी या बाहरी ब्रांड्स की जगह स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें। नगर निगम द्वारा चलाए जाने वाले अभियानों के तहत शहर और गांवों में प्रचार वाहन चलाने, बैनर लगाने और जनजागरण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। साथ ही स्थानीय बाजारों में दुकानदारों को भी यह संदेश दिया जाएगा कि वे अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा दें। यह प्रयास न केवल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मदद करेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। गोरखपुर प्रशासन का मानना है कि यदि हर नागरिक इस अभियान से जुड़ता है, तो यह पहल एक जनांदोलन का रूप ले सकती है और स्थानीय उत्पादों की पहचान राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकती है।

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