गोरखपुर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर जिला प्रशासन ने पारदर्शिता और संवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में स्पष्ट किया कि इस बार SIR से जुड़ी प्रत्येक बैठक में हर राजनीतिक दल से चार-चार सदस्य शामिल होंगे। इसमें जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और दो अन्य प्रतिनिधि या कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच सीधा संवाद बढ़ाना और पुनरीक्षण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है। जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में डीएम ने सभी दलों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटना या अपात्र व्यक्ति का नाम शामिल होना लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए चुनौती है, इसलिए सभी पक्षों को मिलकर इसे सटीक और त्रुटिरहित बनाना आवश्यक है। प्रशासन की इस पहल को स्थानीय राजनीतिक दलों ने भी स्वागत योग्य बताया है, क्योंकि इससे संवाद का दायरा बढ़ेगा और किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचा जा सकेगा। डीएम ने बताया कि इस प्रक्रिया में जिलास्तर से लेकर बूथ स्तर तक निगरानी के ठोस इंतज़ाम किए गए हैं ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
बीएलए नियुक्ति और सहयोग की अपील, प्रक्रिया को बनाया जाएगा अधिक पारदर्शी
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बैठक के दौरान बताया कि अब तक केवल तीन प्रमुख राजनीतिक दल – भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी – ने उन पदाधिकारियों के नाम भेजे हैं जो बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने के लिए अधिकृत हैं। अन्य राजनीतिक दलों से भी उन्होंने अपील की कि वे शीघ्र अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति करें ताकि सभी बूथों पर सत्यापन का कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके। डीएम ने कहा कि SIR की सफलता केवल प्रशासनिक प्रयासों पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी पर भी निर्भर करती है। उन्होंने बताया कि SIR प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अपने क्षेत्र के हर घर पर तीन बार जाएगा और मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित करेगा। इस दौरान वह यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे और कोई अपात्र नाम शामिल न हो। जिले में इस प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए जिला प्रशासन ने तकनीकी निगरानी और रिपोर्टिंग व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया है। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार सिंह, सहायक निर्वाचन अधिकारी शंकर मिश्रा समेत सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर यदि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी कोई समस्या सामने आती है तो तत्काल समाधान के लिए अधिकारी तत्पर रहेंगे।
जनसहभागिता और सोशल मीडिया से अपील, मतदाता सूची में नाम जांचने पर जोर
बैठक के बाद कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता से अपील की कि वे SIR प्रक्रिया में सहयोग करें और अपने नाम मतदाता सूची में अवश्य जांचें। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल अधिकारी तीन बार प्रत्येक घर पर जाएंगे, ऐसे में मतदाता यह सुनिश्चित करें कि उनकी जानकारी सही ढंग से दर्ज हो। आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार श्रीवास्तव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संपर्क नंबर साझा करते हुए कहा कि यदि किसी क्षेत्र में BLO नहीं पहुंचता है तो लोग सीधे उन्हें जानकारी दें ताकि प्रशासन तक वह सूचना पहुंचाई जा सके। इस तरह की जनसहभागिता न केवल प्रशासन के प्रयासों को बल देती है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करती है। जिला प्रशासन का मानना है कि मतदाता सूची का यह पुनरीक्षण लोकतंत्र के आधार को मजबूत करेगा और निष्पक्ष चुनाव की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। अधिकारियों ने कहा कि पारदर्शी प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा और भविष्य में मतदान प्रतिशत में भी सुधार देखने को मिलेगा। अंत में जिलाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस पुनरीक्षण अभियान को लोकतंत्र के उत्सव की तरह लें और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे सफल बनाएं।




