गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार रात अचानक एक कबाड़ की दुकान में आग लगने से इलाके में अफरातफरी मच गई। रात करीब आठ बजे निजामपुर इलाके में स्थित मुश्तकीम नामक व्यक्ति की कबाड़ की दुकान में लपटें उठने लगीं। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आसपास के लोगों ने शोर मचाया और खुद आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन प्लास्टिक और रबर जैसी ज्वलनशील चीजों की वजह से आग तेजी से फैलती गई। इस दौरान इलाके में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। हालांकि, उस समय पूरे शहर में मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया चल रही थी, जिससे दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचने में देर हो गई। तब तक दुकान में रखा सारा सामान जलकर राख हो चुका था और आस-पास के मकान भी आग की चपेट में आने लगे थे। लोगों में भय का माहौल था कि कहीं आग उनके घरों तक न पहुंच जाए। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित किया और रास्ता साफ कराया ताकि दमकल की गाड़ियां आसानी से पहुंच सकें।
फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने डेढ़ घंटे तक की मशक्कत
घटना की सूचना मिलते ही गोलघर फायर स्टेशन की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। फायर स्टेशन इंचार्ज शांतनू कुमार यादव के नेतृत्व में टीम ने करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पास खड़े लोगों को कई मीटर दूर तक गर्मी का अहसास हो रहा था। फायर टीम ने पहले आस-पास के घरों को सुरक्षित करने की कोशिश की और फिर दुकान की ओर पानी के तेज बौछारें डालीं। आग पर नियंत्रण पाने के बाद भी लंबे समय तक धुआं उठता रहा। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि कबाड़ की दुकान में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक, टायर और पुरानी तारें रखी हुई थीं, जिनमें आग पकड़ने की संभावना अधिक रहती है। इस कारण आग को काबू में लाने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा।
पटाखे की चिंगारी से आग लगने की आशंका, जांच जारी
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण पटाखे की चिंगारी बताया जा रहा है। घटना के वक्त पास में मूर्ति विसर्जन का जुलूस निकल रहा था और उसी दौरान हवा के साथ उड़ती चिंगारी दुकान के पास पहुंची, जिससे आग भड़क उठी। दुकान मालिक मुश्तकीम, जो उस समय अपने घर पिपरापुर में थे, को जब घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक सब कुछ जलकर खाक हो चुका था। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में लाखों रुपये का माल रखा हुआ था, जिसमें तांबे की तारें, पुरानी मशीनें, प्लास्टिक और अन्य कबाड़ शामिल थे। उन्होंने प्रशासन से नुकसान की भरपाई की मांग की है। वहीं पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और घटना की विस्तृत जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। फायर विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही आग के सही कारणों का पता चलेगा। स्थानीय लोगों ने भी बताया कि यदि दमकल समय पर पहुंच जाती तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता था। हालांकि, पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना टल गई और आस-पास के घरों को सुरक्षित बचा लिया गया। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा मानकों का पालन कितना किया जा रहा है और आगजनी की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया कितनी प्रभावी साबित होती है। फिलहाल प्रशासन ने क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाने और ज्वलनशील सामग्रियों के भंडारण पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।




