गोरखपुर के रिजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में गुरुवार को ‘स्कूल ओलंपिक 2025’ का भव्य समापन हुआ। लेमन वेलफेयर फाउंडेशन और क्रीड़ा भारती गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में तथा जिला ओलंपिक एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में 23 से 29 अगस्त तक खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। पांच दिनों तक चले इस खेल महोत्सव में गोरखपुर जिले के 65 स्कूलों से करीब 4000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और कुल 11 खेलों में अपना दमखम दिखाया। बच्चों की ऊर्जा और खेल भावना ने पूरे आयोजन को यादगार बना दिया। मेजर ध्यानचंद जयंती के अवसर पर हुए समापन समारोह ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।
विजेताओं को सम्मान, खेल प्रतिभा की सराहना
समापन समारोह में मुख्य अतिथि सहजनवा विधायक प्रदीप शुक्ला और विशेष अतिथि जिलाधिकारी दीपक मीणा सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रेम माया और पन्ने लाल पहलवान, हॉकी संघ अध्यक्ष मनीष सिंह, रेलवे के रीजनल ऑफिसर चंद्र विजय और रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर आले हैदर भी मौजूद रहे। समारोह में बच्चों के उत्साह और मेहनत की प्रशंसा करते हुए विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। क्रीड़ा भारती की जिला अध्यक्ष आशीष कुमार जायसवाल और प्रांतीय खेल प्रमुख अंजू सिंह ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। आयोजन समिति की ओर से लेमन वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष आदित्य निगम और उपाध्यक्ष स्कंध निगम पूरे कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने जिला ओलंपिक एसोसिएशन व क्रीड़ा भारती की टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया।
भविष्य के लिए बड़ा मंच बनेगा स्कूल ओलंपिक
‘स्कूल ओलंपिक 2025’ के समापन अवसर पर आयोजकों ने यह संकल्प लिया कि आने वाले समय में इसे और बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा, ताकि और अधिक छात्रों को खेलों में भाग लेने का अवसर मिले। खिलाड़ियों की मेहनत और जज्बे को देखकर अतिथियों ने कहा कि गोरखपुर जैसे शहरों से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल सकते हैं, यदि उन्हें सही मंच और सुविधाएं दी जाएं। खेलों के जरिए बच्चों के सर्वांगीण विकास की संभावनाओं पर जोर देते हुए अतिथियों ने इसे एक सकारात्मक पहल करार दिया।
गोरखपुर में आयोजित ‘स्कूल ओलंपिक 2025’ ने यह साबित कर दिया कि सही दिशा और सहयोग मिलने पर छोटे शहरों के खिलाड़ी भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। इस आयोजन ने न केवल बच्चों की खेल प्रतिभा को निखारा बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया। खेल भावना, अनुशासन और सामूहिकता के साथ गोरखपुर का यह आयोजन आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्वरूप लेगा।