गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। मोहद्दीपुर निवासी 21 वर्षीय छात्रा रानू साहनी अपने भाई के साथ बाइक से गंगोत्री देवी महाविद्यालय जा रही थी, जब तेज रफ्तार रोडवेज बस ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि रानू बाइक से उछलकर सीधा बस के पिछले पहिये के नीचे आ गई। देखते ही देखते सड़क पर खून का तालाब बन गया और वहां मौजूद लोग दहशत में आ गए। राहगीरों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर घायल छात्रा और उसके भाई को जिला अस्पताल भेजवाया, लेकिन डॉक्टरों ने रानू को मृत घोषित कर दिया। हादसे में भाई को भी गंभीर चोटें आई हैं और उसका इलाज चल रहा है। दीपावली के ठीक पहले हुई इस घटना ने शहरवासियों में गहरी नाराजगी और सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर रोडवेज बसें अक्सर तेज रफ्तार में चलती हैं और यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, पिता ने कहा- ‘मेरी बेटी की मौत सिस्टम की लापरवाही का नतीजा’
छात्रा के पिता राजेश साहनी ने हादसे के बाद रामगढ़ताल थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने तहरीर में लिखा कि मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे उनकी बेटी रानू साहनी अपने भाई के साथ कॉलेज जा रही थी। देवरिया बाइपास के पास पहुंचते ही रोडवेज बस नंबर यूपी-78-एफटी-9267 तेज रफ्तार में पीछे से आई और बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद रानू सड़क पर गिर पड़ी और बस का पिछला पहिया उसके ऊपर से गुजर गया। राजेश ने बताया कि हादसे के बाद चालक बस छोड़कर मौके से फरार हो गया। परिजनों का कहना है कि अगर सड़क पर स्पीड कंट्रोल और निगरानी के उचित इंतजाम होते, तो यह हादसा टल सकता था। रानू अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी और स्नातक के अंतिम वर्ष की छात्रा थी। उसकी मौत से पूरे परिवार में मातम पसरा है। मोहल्ले के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी बस चालक को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, चालक की तलाश जारी; सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
घटना की सूचना मिलते ही रामगढ़ताल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। पुलिस ने छात्रा के पिता की तहरीर पर रोडवेज बस चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और 304ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जांच की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक आशुतोष राय को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि बस चालक की तलाश जारी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए और रोडवेज बस चालकों की ड्राइविंग की नियमित जांच की जाए। यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुरक्षा मानकों का पालन कब सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा। गोरखपुर में पिछले कुछ महीनों में रोडवेज और निजी बसों से जुड़े कई हादसे सामने आए हैं, जिनमें अधिकांश का कारण लापरवाही और तेज रफ्तार पाया गया है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस दर्दनाक हादसे के बाद जागता है या एक और परिवार की चीखें बेअसर रह जाएंगी।