गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र में रिटायर्ड दरोगा राम स्वरूप प्रसाद (60) के साथ 5 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। राम स्वरूप, जो 31 जुलाई 2025 को यूपी पुलिस में उप निरीक्षक के पद से रिटायर हुए थे, ने बताया कि उनके बैंक ऑफ इंडिया के खाते में रिटायरमेंट के बाद पेंशन जमा होती थी। 4 सितंबर को उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को पेंशन विभाग के ट्रेजरी कर्मचारी के रूप में पेश किया। उन्होंने राम स्वरूप से कहा कि पेंशन संबंधी जानकारी एक ऑनलाइन फार्म पर भरनी होगी और इसके लिए व्हाट्सएप पर एक एपीके फाइल भेजी। राम स्वरूप ने फाइल में सभी विवरण सही-सही भर दिए।
ठगी की प्रक्रिया और नुकसान
कॉल करने वाले ने फार्म जमा करने के लिए मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर मांगे, जिसे राम स्वरूप ने उनकी बात मानकर बता दिया। इसके बाद 5 सितंबर को बिना उनकी जानकारी के उनके खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 5 लाख रुपये निकाल लिए गए। जब उन्होंने अपने खाते का विवरण जांचा तो पता चला कि बड़ी रकम निकाल ली गई है। बैंक में जाकर जानकारी देने पर पता चला कि यह साइबर ठगी है और जालसाज ने खुद को ट्रेजरी ऑफिस का कर्मचारी बताकर पेंशन खाते से पैसे निकाल लिए। राम स्वरूप ने बताया कि उन्होंने ठग का नंबर पुलिस को सौंप दिया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
साइबर अपराध थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच निरीक्षक श्यामा नंद राय को सौंपी गई है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है कि किसी भी अनजान कॉल या व्हाट्सएप फाइल पर व्यक्तिगत बैंक और पेंशन जानकारी साझा न करें। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के साइबर फ्रॉड में जालसाज अक्सर ट्रेजरी या बैंक कर्मियों के रूप में पहचान बनाकर लोगों को फंसाते हैं, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है। पुलिस आगे की जांच में डिजिटल ट्रैकिंग और बैंक डिटेल्स के आधार पर आरोपी तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।