गोरखपुर जिले के सहजनवां थाना क्षेत्र में रविवार को एक घर से धर्म परिवर्तन कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला इलाज और चमत्कार के नाम पर लोगों को आकर्षित करने से जुड़ा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, हरपुर-बुदहट थाना क्षेत्र के निवासी भरत नामक व्यक्ति ने डेढ़ साल पहले धुसियापार गांव के श्रीभगवत यादव का मकान किराए पर लिया था। वह अपने परिवार के साथ वहीं रहने लगा और कथित रूप से हर रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित करता था। बताया गया कि इन सभाओं में दूर-दराज के इलाकों से महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल होते थे, जिन्हें बीमारियों से मुक्ति दिलाने और ‘ईश्वरीय चमत्कार’ दिखाने का दावा किया जाता था। रविवार को भी भरत के घर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। प्रार्थना सभा में प्रचारक और उसकी पत्नी मौजूद थीं, जो लोगों को धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से इलाज कराने का भरोसा दे रहे थे। इस बीच सनातन उत्थान संगठन को सूचना मिली कि इलाज के बहाने लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और वहां हो रही गतिविधियों पर आपत्ति जताई। इसके बाद घर के बाहर जमकर हंगामा हुआ और स्थिति बिगड़ने लगी।
संगठन की शिकायत पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई, छह लोग हिरासत में
मामले की सूचना मिलते ही सहजनवां पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भीड़ को शांत किया और घर के भीतर मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि घर के भीतर करीब 100 से अधिक लोग एकत्रित थे और वहां प्रार्थना सभा चल रही थी। संगठन के प्रतिनिधि राम सहारे मिश्रा ने थाने में तहरीर देकर भरत के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी भरत के साथ-साथ उसकी पत्नी और चार अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी महेश चौबे ने बताया कि भरत के खिलाफ धर्मांतरण विरोधी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस के अनुसार, फिलहाल यह जांच की जा रही है कि प्रार्थना सभा में शामिल अन्य लोग किन इलाकों से आए थे और क्या वे किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा हैं। पुलिस ने घर से कई धार्मिक पुस्तकें, पर्चे और वीडियो सामग्री भी जब्त की है, जिनका तकनीकी परीक्षण कराया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि धर्मांतरण के इस आयोजन के पीछे कौन-कौन लोग सक्रिय हैं और क्या यह किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है।
तनाव के बीच बढ़ी सुरक्षा, प्रशासन ने जांच तेज की
घटना की सूचना फैलते ही क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और संगठन के सदस्य थाने पहुंच गए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने स्थिति को शांत रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी। एसपी नॉर्थ के निर्देश पर सहजनवां थाने की टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है और इलाके में लगातार गश्त की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि किसी को भी धार्मिक आधार पर भ्रामक प्रचार या अवैध धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, आरोपी भरत से पुलिस पूछताछ में जुटी है और उसके संपर्क में रहे अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में कई ऐसे नाम सामने आ सकते हैं जो पिछले कुछ महीनों से इसी तरह की गतिविधियों में शामिल थे। वहीं स्थानीय निवासियों ने बताया कि भरत के घर में हर रविवार बड़ी संख्या में लोग आते थे और प्रार्थना के नाम पर अलग तरह के अनुष्ठान किए जाते थे, जिससे आसपास के लोग पहले ही संदेह में थे। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। फिलहाल पुलिस ने जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह मामला एक बार फिर उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन से जुड़े विवादों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है, जहां कानूनन इसकी अनुमति नहीं है और प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है।




