गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के सहजनवां क्षेत्र में रविवार को एक गंभीर धर्मांतरण का मामला सामने आया। जानकारी के अनुसार, भगौरा गांव में एक घर में कुछ लोग महिलाओं का इलाज के बहाने ब्रेन वॉश कर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने की सलाह दे रहे थे। घर में चंगाई प्रार्थना चल रही थी, जिसमें करीब 100 से अधिक महिलाएं शामिल थीं। इस मामले की सूचना मिलते ही विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस गतिविधि का विरोध किया। विरोध के दौरान महिलाओं और संगठन के पदाधिकारियों के बीच तनाव पैदा हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
पुलिस और खुफिया विभाग की जांच
इस मामले में संतकबीरनगर के सौरभ जायसवाल की तहरीर पर सहजनवां थाने में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत लक्ष्मी यादव और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसओ महेश चौबे ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारीयों की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हिरासत में लिए गए व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। खुफिया विभाग ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी महिला ने इलाज के नाम पर ग्रामीणों को चंगाई प्रार्थना करवाई और इस प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें धर्म परिवर्तन की ओर प्रभावित करने का प्रयास किया।
आरोपी का बयान और अन्य घटनाएं
पुलिस पूछताछ में लक्ष्मी यादव ने स्वीकार किया कि उसे पांच साल पहले पथरी की शिकायत हुई थी और इलाज से राहत नहीं मिल पाने पर उसने बहराइच में इलाज कराते समय एक किताब और प्रार्थना विधि सीखी। उसने कहा कि इसी अनुभव के आधार पर वह गांव में भी लोगों को प्रार्थना के माध्यम से इलाज कराने लगी। प्रत्येक रविवार को स्पेशल प्रार्थना का आयोजन किया जाता था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भाग लेती थीं। रविवार को बड़हलगंज के एक चर्च में भी इसी प्रकार की स्पेशल प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी, जिसमें हिंदू परिवार भी शामिल हुए। इस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और पुलिस को सूचित किया। बड़हलगंज पुलिस इस मामले की भी गहनता से जांच कर रही है। घटना ने क्षेत्र में अलर्ट बढ़ा दिया है और पुलिस तथा खुफिया विभाग सतर्कता के साथ मामले की तह तक पहुंचने में जुटे हैं।