गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में गुरुवार से शुरू हुई रुक-रुक कर बारिश ने पूरे शहर को ठंड की चपेट में ले लिया है। शुक्रवार की सुबह भी आसमान पर घने काले बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी जारी रही। लगातार हो रही बारिश ने तापमान में तेज गिरावट ला दी, जिससे मौसम अचानक सर्द हो गया। ठंड बढ़ने के कारण कई निजी और सरकारी स्कूलों ने क्लास 7 तक के बच्चों के लिए रेनी-डे घोषित कर दिया। अभिभावकों को सुबह मोबाइल संदेश के माध्यम से छुट्टी की सूचना दी गई। जिन स्कूलों में पढ़ाई जारी रही, वहां भी बच्चे जैकेट और स्वेटर पहनकर पहुंचे। शहर के शाहपुर, गोरखनाथ, आजाद चौक और तारामंडल इलाकों में अधिकतर स्कूल बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा छा गया और लोग सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकले। मौसम के अचानक बदलने से स्थानीय बाजारों में भीड़ कम दिखी और कई दुकानदारों ने जल्दी दुकानें बंद कर लीं। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला शुक्रवार तक जारी रहा, जिससे पूरे जिले में ठंडी हवाएं बहने लगीं।
मोंथा तूफान का असर, तापमान में आई रिकॉर्ड गिरावट
मोंथा तूफान के प्रभाव ने गोरखपुर और आसपास के जिलों में मौसम का रुख पूरी तरह बदल दिया है। गुरुवार को शहर में करीब 10 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 22 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही पुरवा हवा ने ठंड का असर और बढ़ा दिया। अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 8.7 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ती है। बारिश के साथ ठंडी हवाओं के चलते दिनभर लोगों को घरों में रहना पड़ा। जिन्होंने बाहर निकलने की हिम्मत की, वे रेनकोट और छातों के सहारे नजर आए। शाम के समय गलियों और मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। कई स्थानों पर बिजली कटौती की समस्या भी सामने आई, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर के चौराहों पर चाय की दुकानों पर भीड़ बढ़ी, जहां लोग ठंड से बचने के लिए गरम चाय का सहारा लेते दिखे। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मोंथा तूफान का असर अगले 24 घंटों तक और बना रहेगा तथा हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
13 वर्षों में पहली बार अक्टूबर में दिसंबर जैसी ठंड
गोरखपुर में इस वर्ष अक्टूबर महीने में जिस तरह की ठंड दर्ज की जा रही है, वह पिछले 13 सालों में पहली बार देखने को मिल रही है। आमतौर पर इस समय शहर का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, लेकिन इस बार अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री तक गिर गया है, जो दिसंबर जैसी सर्दी का अहसास करा रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु में आए इस अचानक बदलाव का मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र और मोंथा तूफान की दिशा है। यह प्रणाली उत्तर भारत के हिस्सों में ठंडी और नम हवाएं ला रही है। मौसम के इस बदलाव से लोगों ने अपने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्वेटर और जैकेट पहनकर निकल रहे हैं। कई परिवारों ने रूम हीटर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जबकि रात में कंबल और रजाई की जरूरत महसूस हो रही है। ठंड के कारण सुबह-सुबह सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता है और लोग देर से घरों से निकल रहे हैं। नगर निगम के सफाईकर्मियों और यातायात पुलिसकर्मियों को भी ठंड में ड्यूटी निभाने में कठिनाई हो रही है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक हल्की बारिश और ठंडी हवाएं चलने की चेतावनी दी है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखें और जलभराव से बचने के उपाय करें। कुल मिलाकर गोरखपुर इस समय अक्टूबर में दिसंबर की ठंड का अनुभव कर रहा है, जो मौसम के लिहाज से असामान्य लेकिन रिकॉर्ड तोड़ घटना है।




