गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर रेल मंडल के लिए बड़ी उपलब्धि के रूप में डोमिनगढ़-गोरखपुर जंक्शन-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन और गोरखपुर जंक्शन-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजना पूरी हो चुकी है। लगभग 22 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट पर करीब 520 करोड़ रुपये खर्च किए गए और अब इसका सफल स्पीड ट्रायल भी पूरा हो गया है। अंतिम चरण में गोरखपुर जंक्शन-डोमिनगढ़ खंड (4 किमी.) की तीसरी लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल खंड (5 किमी.) का दोहरीकरण और विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ। रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल ने शुक्रवार को इस पूरी परियोजना का निरीक्षण किया और मोटर ट्रॉली से ट्रैक की जांच के बाद स्पीड ट्रायल में इसे सफल पाया। इस प्रोजेक्ट में लगभग 250 विभागीय और संविदा कर्मचारियों ने लगातार दिन-रात मेहनत कर काम को पूरा किया। परियोजना को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया गया था, जिसमें नकहा जंगल यार्ड से शुरुआत हुई और अंत में गोरखपुर जंक्शन-डोमिनगढ़ खंड पर तीसरी लाइन और दोहरीकरण का कार्य किया गया।
आधुनिक तकनीक से सुरक्षित और बेहतर संचालन
नए प्रोजेक्ट के साथ गोरखपुर मंडल के प्रमुख स्टेशनों डोमिनगढ़, गोरखपुर जंक्शन, गोरखपुर कैंट, कुसम्ही और नकहा जंगल पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली लागू की गई है। इस अत्याधुनिक तकनीक से रेलवे संचालन पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और आसान हो गया है। अब ट्रेन नियंत्रण पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड हो गया है, जिसमें माउस क्लिक के जरिए ट्रेन मूवमेंट संचालित किया जा सकेगा। यह प्रणाली मानवीय त्रुटियों की संभावना को काफी हद तक कम करती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा घटता है। इसके अलावा, ट्रेनों की रफ्तार और समयपालन में भी सुधार होगा। साथ ही, ट्रैक और उपकरणों के रखरखाव पर भी खर्च कम आएगा। इस डिजिटल बदलाव से यात्रियों को समय पर ट्रेन सेवा उपलब्ध होगी और गोरखपुर रेल मंडल का संचालन और अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगा।
यात्रियों और व्यापारियों को मिलेगा सीधा लाभ, क्षेत्रीय विकास को नई दिशा
परियोजना पूरी होने के बाद रेलवे लाइन की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। तीसरी लाइन के कारण अब अधिक संख्या में यात्री और मालगाड़ियां चलाई जा सकेंगी। इससे एक ओर यात्रियों को समय पर ट्रेनें मिलेंगी और उनकी यात्रा अधिक आरामदायक होगी, वहीं दूसरी ओर मालगाड़ियों की तेज़ आवाजाही से व्यापारियों और उद्यमियों को बड़ा फायदा होगा। गोरखपुर कैंट स्टेशन अब सैटेलाइट स्टेशन के रूप में और बेहतर ढंग से काम कर सकेगा, जिससे मुख्य स्टेशन पर दबाव भी कम होगा। परियोजना के पूरा होने से पूरे क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। कृषि, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी विकास को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट न केवल गोरखपुर मंडल बल्कि पूरे उत्तर पूर्व रेलवे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यात्री सुविधाओं के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलने से क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और तेज़ होगी तथा गोरखपुर रेलवे का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक बढ़ जाएगा।