गोरखपुर जंक्शन और आसपास के इलाकों में चल रहे तीसरी लाइन और दोहरीकरण कार्य ने यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। रेलवे प्रशासन ने बताया कि गोरखपुर–डोमिनगढ़ के बीच 4 किमी की तीसरी लाइन और गोरखपुर–नकहा जंगल के बीच 5 किमी का डबल लाइन कार्य अंतिम चरण में है। इसके लिए रेलवे ने 21 से 30 सितंबर तक बड़ा ब्लॉक लिया है। 22 सितंबर को प्री-इंटरलॉकिंग और 23 से 26 सितंबर तक नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य किया जाएगा। इसके बाद 26 सितंबर को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ट्रेन चलाकर सुरक्षा निरीक्षण करेंगे। इस तकनीकी कार्य के दौरान 124 ट्रेनों को रद्द और 26 ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग से चलाने का निर्णय लिया गया है।
प्रभावित ट्रेनें और यात्रियों की परेशानी
रेलवे के अनुसार गोरखधाम एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, आनंद विहार एक्सप्रेस, पनवेल एक्सप्रेस, गोमती नगर एक्सप्रेस, वाराणसी सिटी एक्सप्रेस, यशवंतपुर एक्सप्रेस, लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस, कोलकाता एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस समेत कई प्रमुख ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं। अलग-अलग तिथियों पर कुल 124 ट्रेनों के संचालन को रोका गया है। वहीं, जिन 26 ट्रेनों को रूट बदलकर चलाया जाएगा, वे गोरखपुर–गोंडा मार्ग से न चलकर औंड़िहार–वाराणसी होकर गुजरेंगी। इनमें कटिहार-अमृतसर, बांद्रा टर्मिनस-बरौनी, गुवाहाटी-जम्मूतवी, छपरा-मथुरा, बरौनी-नई दिल्ली स्पेशल, हावड़ा-काठगोदाम, अमृतसर-दरभंगा, एलटीटी-आजमगढ़ और वैशाली एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सभी स्टेशनों पर यात्रियों को समय पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए गए कदम
रेलवे ने घोषणा की है कि रद्द ट्रेनों के टिकट धारकों को रिफंड की पूरी सुविधा दी जाएगी। साथ ही स्टेशनों पर हेल्प डेस्क और अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है ताकि यात्रियों को रूट बदलने और कैंसिलेशन की जानकारी आसानी से मिल सके। अधिकारियों का कहना है कि यह ब्लॉक रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए जरूरी है और कार्य पूरा होने के बाद गोरखपुर के यात्रियों को ज्यादा सुगम और तेज रेल सेवाएं मिलेंगी। तीसरी लाइन और दोहरीकरण पूरा होने से न केवल ट्रेनों की गति बढ़ेगी बल्कि देरी और जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी।
गोरखपुर में यह रेल ब्लॉक भले ही यात्रियों के लिए परेशानी लेकर आया हो, लेकिन रेलवे अधिकारियों का दावा है कि कार्य पूरा होने के बाद यह क्षेत्र आधुनिक रेल सुविधाओं से जुड़कर लंबी अवधि में फायदा देगा। यात्रियों को अभी कुछ दिन दिक्कतें झेलनी होंगी, मगर आगे की यात्रा और भी आरामदायक और समयबद्ध होने की उम्मीद है।