गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के पिपराइच नगर पंचायत के बड़े गांव वार्ड में करीब 1.98 करोड़ रुपये की लागत से नाले का निर्माण कार्य चल रहा है। हाल ही में नाले का एक हिस्सा गिरने की सूचना मिलने पर प्रशासन ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की। मंगलवार को पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता रोनित कुमार सिंह और नगर पंचायत के अवर अभियंता पवन कुमार यादव के नेतृत्व में एक टीम ने मौके का निरीक्षण किया। जांच के दौरान कई तकनीकी और गुणवत्ता संबंधी खामियां सामने आईं। टीम ने मौके पर मौजूद ठेकेदार के मेट को कड़ी चेतावनी देते हुए काम में सुधार लाने के निर्देश दिए। इस निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष संजय कुमार मद्धेशिया और ईओ संजय कुमार सरोज भी मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने उठाए निर्माण सामग्री पर सवाल
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नाले के निर्माण में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है कि निर्माण में मानक से कम लोहे की छड़ डाली जा रही है और सीमेंट-बालू का मिश्रण भी तय अनुपात के अनुसार नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक, इसी कारण नाला बार-बार गिर रहा है और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सभासद संदीप गुप्ता और प्रतिनिधि मोलई साहनी ने इस मामले में जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए और निर्माण सामग्री की लैब जांच कराई जाए ताकि वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके।
समय से पहले हटाई जा रही सटरिंग भी समस्या
जांच टीम ने यह भी पाया कि ठेकेदार नाला निर्माण के बाद महज दो दिन में ही सटरिंग हटा रहे हैं, जबकि तकनीकी मानकों के अनुसार सटरिंग को कम से कम पांच दिन तक बनाए रखना जरूरी है। सहायक अभियंता रोनित कुमार सिंह ने कहा कि सटरिंग जल्दी हटाने से ढांचा कमजोर हो जाता है और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि आगे भी निर्माण कार्य में लापरवाही पाई गई तो ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है और कहा है कि आगे के सभी निर्माण कार्य तय मानकों के अनुसार ही पूरे किए जाएं। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो यह नाला भविष्य में बड़े हादसों की वजह बन सकता है।