गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के लोहिया उपकेंद्र में सोमवार को निर्धारित शटडाउन में देरी और अभियंताओं के बीच समन्वय की कमी के कारण शहर के लगभग पांच हजार घरों में बिजली गुल रही। मूल योजना के अनुसार, सड़क चौड़ीकरण और लाइन शिफ्टिंग के कार्य के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली बंद रखी जानी थी। लेकिन अभियंताओं की उदासीनता और विभागों के बीच तालमेल की कमी ने कार्य की प्रक्रिया को प्रभावित किया। शटडाउन शुरू होने में देरी के कारण उपभोक्ताओं को चार-पांच घंटे तक अंधेरे का सामना करना पड़ा। कई परिवार दीपावली की तैयारियों में व्यस्त थे, लेकिन अचानक बिजली कटने से घरों में रोशनी और इन्वर्टर दोनों असफल रहे, जिससे उत्सव की तैयारी प्रभावित हुई। स्थानीय लोगों ने लोहिया उपकेंद्र और अवर अभियंताओं से संपर्क करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन किसी से संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका।
अभियंताओं और ठीकेदार के बीच जिम्मेदारी का खेल
टाउनहाल खंड के अधिशासी अभियंता अंकित कुमार ने माना कि काम में देरी से उपभोक्ताओं को कठिनाई हुई और इसे विभागीय समन्वय की कमी का परिणाम बताया। वहीं विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के अधिशासी अभियंता सुजीत गुप्ता ने ठीकेदार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके कारण कार्य में विलंब हुआ। अधिकारियों ने बताया कि ठीकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा और भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मामले में विवाद की मुख्य वजह यह रही कि दोपहर दो बजे तक कार्य शुरू नहीं होने पर अभियंताओं को शटडाउन रोकने की सलाह दी गई थी। लेकिन स्थानीय अभियंताओं की अनदेखी के कारण शटडाउन मोहद्दीपुर उपकेंद्र से लिया गया और कार्य में देरी के कारण उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा।
पाम पैराडाइज उपकेंद्र प्रभावित और लाइनमैन की चोट
लोहिया उपकेंद्र के शटडाउन का असर पाम पैराडाइज उपकेंद्र पर भी पड़ा, जो मोहद्दीपुर पारेषण उपकेंद्र से जुड़ा है। शटडाउन के कारण पाम पैराडाइज क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं को लगभग एक घंटे तक बिजली नहीं मिली। इस घटना ने विभागीय समन्वय और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इससे पहले, लोहिया उपकेंद्र क्षेत्र में एक लाइनमैन पोल पर काम करते समय गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे बीमा के माध्यम से प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। स्थानीय कर्मचारियों ने कहा कि इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में खामियों को उजागर किया है। विद्युत विभाग अब अलग से समन्वय और सुरक्षा सेल बनाने की योजना बना रहा है, ताकि भविष्य में शटडाउन और सड़क-लाइन कार्यों में एकरूपता बनी रहे और उपभोक्ताओं को परेशानी न झेलनी पड़े।