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गोरखपुर में 277 दिन से जारी बिजली कर्मियों का आंदोलन

तीन महीने से नहीं मिला वेतन, निजीकरण, छटनी और स्मार्ट मीटर के खिलाफ बढ़ा आक्रोश

Gorakhpur electricity employees protesting for salary and against privatization

निजीकरण और उत्पीड़नात्मक नीतियों के खिलाफ विरोध तेज

गोरखपुर में बिजली विभाग के हजारों कर्मचारी लंबे समय से निजीकरण और प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ आंदोलनरत हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार को स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के बजाय प्रबंधन लगातार दबाव और प्रताड़ना की नीतियां अपना रहा है। समिति ने कहा कि आंदोलन का आज 277वां दिन है और जब तक निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक विरोध थमेगा नहीं। समिति का आरोप है कि कर्मचारियों के आंदोलन को तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर ट्रांसफर, छटनी और रियायती सुविधाओं को खत्म करने जैसे कदम उठाए गए। इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है बल्कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ रहा है।

वेतन रोकने और छटनी से बढ़ी नाराजगी

समिति पदाधिकारियों ने बताया कि तीन महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है। जून और जुलाई का भुगतान रोक दिया गया है, जबकि अगस्त का महीना भी समाप्त होने को है। इसके बावजूद कर्मचारी नियमित ड्यूटी पर बने हुए हैं। इसे कर्मचारियों ने अमानवीय और उत्पीड़नात्मक करार दिया है। समिति ने कहा कि मई महीने में निजीकरण की तैयारी के नाम पर हजारों संविदा कर्मियों की छटनी की गई। वहीं 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को डाउनसाइजिंग के नाम पर हटाया गया। इस बड़े पैमाने की छटनी ने कई परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है और विभाग की कार्यप्रणाली भी अस्त-व्यस्त हो गई है।

ट्रांसफर और स्मार्ट मीटर पर विरोध

नेताओं ने कहा कि आंदोलन में सक्रिय कई कर्मचारियों को दंडात्मक रूप से दूरस्थ जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया है। इनमें महिला कर्मी भी शामिल हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ बताया गया। वहीं कर्मचारियों और पेंशनरों के घरों में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने और रियायती बिजली सुविधा समाप्त करने का भी कड़ा विरोध किया गया। समिति ने कहा कि यह फैसला सीधे तौर पर कर्मचारियों और उनके परिवारों को प्रभावित कर रहा है। आंदोलनकारी नेताओं का कहना है कि प्रदेशभर में नौ महीने से लगातार यह आंदोलन जारी है और आने वाले दिनों में इसे और तेज किया जाएगा। रविवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया और सरकार से न्याय की मांग की।

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